एरिश फ्रीड (6 मई, 1921 – 22 नवंबर, 1988) ऑस्ट्रियाई मूल के कवि, लेखक, निबंधकार और अनुवादक थे. प्रारम्भ में जर्मनी और ऑस्ट्रिया दोनों में उन्हें अपनी राजनीतिक कविताओं के लिए जाना जाता था लेकिन बाद में उन्हें अपनी प्रेम कविताओं के लिए ख्याति मिली. एक लेखक के रूप में उन्होंने अधिकांशत: नाटक और लघु उपन्यास लिखे. उन्होंने अंग्रेजी लेखकों विशेषकर विलियम शेक्सपियर, Dylan Thomas और Eliot की कृतियों का जर्मन में अनुवाद भी किया. उनके सम्मान में प्रतिवर्ष ऑस्ट्रिया में “ऑस्ट्रियन साहित्यिक पुरस्कार” दिया जाता है. प्रस्तुत कवितायेँ एरिश फ्रीड की प्रेम कविताओं से संग्रहीत हैं. मूल जर्मन से इन कविताओं का अनुवाद किया है प्रतिभा उपाध्याय ने– जानकी पुल.
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जो यह है (Was es ist)
विवेक इसे
मूर्खता कहता,
प्यार कहता
यह है,
वही जो यह है II
अनुमान इसे
दुर्भाग्य कहता,
डर कहता
दर्द के सिवा यह कुछ नहीं,
सहजबोध इसे
भविष्यहीन कहता,
प्यार कहता
यह है ,
वही जो यह है II
अहंकार इसे
हास्यास्पद कहता,
सतर्कता कहती
लापरवाह,
अनुभव इसे
असंभव कहता,
प्यार कहता
यह है ,
वही जो यह है II
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लेकिन (ABER)
पहले पहल डूब गया मैं प्यार में तुम्हारे,
आँखों की चमक में तुम्हारी,
हँसी में तुम्हारी,
तुम्हारी जिजीविषा में II
अब प्यार है मुझे आंसुओं से भी तुम्हारे,
जीवन के प्रति डर से तुम्हारे,
और तुम्हारी आँखों की
बेबसी से II
लेकिन डर में तुम्हारे,
चाहता हूँ मैं मदद करना तुम्हारी,
चूंकि जिजीविषा मेरी
है सदैव तुम्हारी आँखों की चमक में II
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उत्तर (ANTWORT)
कहा किसी ने
पत्थरों से:
बनो मानवीय ,
पत्थर बोले:
हैं नहीं अभी हम
पर्याप्त कठोर II
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डर एवं संदेह (ANGST und ZWEIFEL)
न करो संदेह
उस पर
जो कहे तुमसे
वह है डरा हुआ
किन्तु डरो
उससे
जो कहे तुमसे
नहीं जानता वह संदेह को II
शायद (VIELLEICHT)
स्मरण,
है यह
शायद
सबसे पीड़ाप्रद तरीका
भूल जाने का ,
और शायद
सबसे सुखदायी तरीका
मिटाने का
इस पीड़ा को II
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आजादी (FREIHEIT)
कहने के लिए
है यहाँ शासन आजादी का
यह है सदा एक भ्रम
या एक झूठ :
शासन नहीं यहाँ
आजादी का II
Vaah!! Bahut manbhaavan abhivyakti!!! Aabhaar Prabhaat jee! Anuvaadak ka haardik dhanyavaad!
एरिश फ्रीड से परिचित कराने के लिये कोटिशः धन्यवाद
बहुत शानदार…इन भावप्रदान कविताओं को हमारी भाषा में पढ़वाने के लिये।।।
सुंदर !