आज मोहिंदर प्रताप सिंह की कविताएँ पढ़िए. मोहिंदर प्रताप जी फिल्मों के लिए लेखन करते हैं और इनका एक परिचय यह भी है कि ‘एम. एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ फिल्म का इन्होने सह-लेखन भी किया था. फिलहाल उनकी कविताओं को पढ़िए जो कहानियों को लेकर दिलचस्प कविताएँ हैं- मॉडरेटर
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कहानियाँ – 1
बड़ी मजेदार होती हैं कहानियाँ
रुलाती हैं
गुदगुदाती हैं
रोमांचित करती हैं
खून हो
बलात्कार
या दहेज के लिए जलाई लड़कियाँ
बड़ी मजेदार होती हैं
कहानियाँ
बार-बार दाद देते हैं हम
चटखारे लेकर पढ़ते हैं
लूण, मिर्च, तेल लगाकर
ख़ुद भी कुछ गढ़ते हैं
अक्सर हमीं घटते हैं कहानियों को
पर कभी- कभी
हमें भी घट जाती हैं कहानियाँ
जब घटती हैं
उम्र घटा जाती हैं
पैरों तले से
ज़मीन हटा जाती हैं
कोई रस नहीं होता
बस दुखती है
रिसती है
पिसती है
बूँद-बूँद बहता है मवाद
स्वाद कसैला हो जाता है
स्याही से
कलम की नोक से
तेज़-तर्रार दिमाग से
नहीं लिखी जाती कहानियाँ
एक टीस से
एक हूक से
पेट की भूख से
कोयल की कूक से
कभी-कभी चूक से
लिखी जाती है कहानियाँ
इन कहानियों में
छिपी होती हैं कहानियाँ
छलती हैं
छाती पर मूँग दलती हैं
बरसों – बरस तक
अंत नहीं आता
पृष्ठ पर पृष्ठ जुड़ते जाते हैं
हम अन्दर – अन्दर कुढ़ते जाते हैं
बरसों बाद भी
किसी कोने में
पड़ी रहती है
मन के पिछवाड़े में
गड़ी रहती है
भस्म हो जाने के बाद
राख के ढेर से
फूलों की तरह
चुनी जाती हैं
कहानियाँ
कहानियाँ – 2
आपने कभी
किसी कहानी में घुसकर
किसी किरदार की तकदीर बदलने के बारे में सोचा है
रोमियो!
अपने सीने में, खंजर भौंक ले
उससे पहले कभी उसे रोकने का ख्याल
आपके मन में आया है
“मरी नहीं है जूलिएट,
सिर्फ सोई हैI
अभी उठ जाएगी!”
कभी आपने उससे कहने की कोशिश की है?
कभी आपको लगा?
कि होरी का क़र्ज़ आप अदा कर दें
‘गोदान’ का अंत का बदल दें
या राम से कहें
वो सोने के मृग के पीछे न जाएँ
या कहानी में घुसकर Sansa Stark का rape होने से पहले
Ramseay Boltan का क़त्ल कर दें
आपने कभी
किसी कहानी में घुसकर
किसी किरदार की तकदीर बदलने के बारे में सोचा है
कभी-कभी सोचता हूँ
ढेर सारी कहानियाँ लिखूं
एक की नायिका इरोम शर्मीला हो
दूसरी का नायक कश्मीर में पैलेट गन का शिकार हमीद
तीसरी कहानी
उस सिपाही के इर्द-गिर्द भी घूमती हो
जो उसी भीड़ की पत्थरबाज़ी का शिकार हो गया हो
किसी का नायक काश्मीरी पंडित हो
किसी का बेकरी में बिस्कुट की जगह
खुद ही झुलस गया मुसलमान
एक कहानी
गैंग रेप होने से पहले
अकेली घर लौटती लड़की के बारे में भी लिखना चाहता हूँ
एक कहानी उस लड़के के बारे में भी
जो घर के सामने वाली बंगाली लड़की से प्यार करता है
पर बंगला बोल नहीं पाता
कोसी नदी में बही जाती भैंस के बारे में भी तो
एक कहानी लिखनी है
मुझे यकीन है
कभी न कभी
कहीं न कहीं
कोई पढने वाला
कोई सुनने वाला
इन कहानियों में घुसने के बारे में सोचेगा
कोई ना कोई तो
इन कहानियों में सचमुच घुस जाएगा
और इन किरदारों की तक़दीर बदल देगा
इरोम शार्मिला
क्रांति के साथ-साथ
प्रेम भी कर पायेगी
कश्मीरी पंडितों को घर छोड़कर जाना नहीं पड़ेगा
बेकरी में
सिर्फ बिस्कुट पकेगा
लड़की, सुरक्षित अपने घर लौट जाएगी
लड़का, अपने प्यार का इज़हार कर पाएगा
और भैंस को
कोई न कोई टापू मिल जाएगा
बहुत बढ़िया कवितायें….
साझा करने का शुक्रिया|
प्रभात जी, एक बार फिर धन्यवादI
Bahut hi khoob kavitayien…
Mohinder sir bahut bahut mubarakbaad ki aapki kalam se behtareen kahaniyon ke saath saath bahut hi umda kavitayien bhi nikalti hain…
Bhagwaan aapki kalam ko aur bhi tarrakki pradaan kare.
Bahut khoob
editorneerajkumar.blogspot.com
Bahut hi acchi kavita hai. thank you so much……….
Bahut hi acchi kavita hai. Thank you so much……
Bahut hi badhiya Kavita hai.
bahot hi achhii kavita likhi he aapne. bahot hi sundar..
very nice
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