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divya vijay

अमरेन्द्र ही नहीं, शिवगामी और देवसेना भी हैं बाहुबली

इस कठिन समय में जब एक लड़की या औरत क्या पहनेगी,कहाँ जाएगी,किसके साथ घूमेगी इसका निर्णय लेने के लिए भी  स्वतंत्र नहीं वहीं महिशमती राज की दो औरतों को एक राज्य नियंत्रित करते देखना बहुत सुखद है. पढ़िए बाहुबली पर रोहिणी कुमारी का लेख- दिव्या विजय ======================================================== बीते शुक्रवार लोगों …

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निरुद्देश्य हिंसा किस इन्कलाब के लिए की जाती है?

नक्सलवादी आन्दोलन अपनी दिशा भटक चुका. कल सुकमा में पुलिस जवानों की हत्या के बाद समय आ गया है कि वे सोचें कि आखिर वे पाना क्या चाहते हैं. विमलेन्दु का लेख इसी मसले पर- दिव्या विजय ======================================================== चार साल पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं की नृशंस हत्या ने शायद पहली …

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अनघ शर्मा की कहानी ‘शाहबलूत का पत्ता’

अनघ शर्मा सात साल से कहानियाँ लिख रहे हैं। उनकी कहानियों के नाम किसी कविता सरीखे हैं जो कहानी पढ़ने की उत्कंठा जगाते हैं। प्रस्तुत कहानी में उपशीर्षक एक सरप्राइज़ पैक हैं  जो पाठक के मन में आगे पढ़ी जाने वाली कहानी की आउटलाइन उकेर देते हैं जिनमें पाठक चितेरे …

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‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया’ के शायर की आज पुण्यतिथि है

शाइरों में तख़ल्लुस रखने का चलन जाने कब से शुरू हुआ क्या पता, पर क़ायम आज भी है। एक और फ़ैशन अपने नाम के साथ अपने शहर या क़स्बे के रखने का भी रहा है। फ़िल्मी गीतकारों में साहिर लुधियानवी, हसरत जयपुरी, मजरूह सुल्तानपुरी आदि नामों में एक और चमकता …

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कहानी कहने वाला इक कहानी की कहानी है

कहानी सुनने वाले जो भी हैं वो ख़ुद कहानी हैं कहानी कहने वाला इक कहानी की कहानी है – जौन एलिया  कहानी कहना-सुनना किसे पसंद नहीं होता. कहानियाँ लिखने के बहुत पहले से हम कहानियाँ कहते आये हैं. कहानी शब्द का अर्थ है कहना. कहानी का लिखित रूप अधूरा है …

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भारतीय रेल में आपका स्वागत है

आज रेल दिवस है और संयोग से मैं रेल में हूँ। मैंने रेल यात्राएँ बहुत कम की हैं। उस पर भी अकेले तो बहुत ही कम मगर फिर भी रेल यात्राएँ सबसे अधिक लुभाती हैं। सबसे अधिक आरामदायक भी वही होती हैं। पिछले साल दिल्ली गयी थी। तब लम्बे अरसे …

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महापंडित राहुल और वोल्गा की रात

आज महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 54 वीं पुण्यतिथि है. हिंदी में उनके जितना विविध और विपुल लेखन शायद ही किसी और लेखक ने किया. वे महायात्री थे. उनके यात्राओं के वर्णन सम्मोहक होते थे. यह वोल्गा का वर्णन है- दिव्या विजय ================== निशा 1 देश – वोल्गा तट (ऊपरी) जाति …

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डॉ. अम्बेडकर की आत्मकथात्मक पुस्तक के अंश

‘वेटिंग फ़ॉर वीसा’ (पहला प्रकाशन वर्ष सन् 1990) स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के कुछ आत्मकथात्मक नोट्स हैं, जो उन्होंने अपने योरोप-अमेरिका प्रवास से लौटने के अट्ठारह वर्ष बाद सन् 1935-36 के दौरान लिखे थे। बड़ौदा लौटने पर रहने की जगह तलाशने को लेकर जो मुश्किलात उन्होंने झेलीं, …

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सोशल मीडिया फेक स्टारडम का माध्यम है?

सोशल मीडिया पर कई तरह के आरोप लगाये जाए हैं. वक़्त बर्बाद करने का और लोगों द्वारा भावनात्मक अथवा आर्थिक रूप से ठगे जाना उनमें मुख्य है. एक और ट्रेंड देखने में आया है. सोशल मीडिया द्वारा ‘फेक स्टारडम’ निर्मित किया जाना. यह मार्केटिंग का एक ज़बरदस्त साधन सिद्ध हो …

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प्रकाश के रे की कविताएँ

कविता को हृदय का उद्घोष माना गया है। लेकिन कवि आज के दौर में घोषित रूप से निकृष्ट व्यक्ति है और कविता साहित्य के निचले पायदान पर सिसकियाँ भरती है। कविताओं का मूल्य संसार की तुच्छतम वस्तुओं से भी हीन है। कविताएँ अब क्रांति कर पाने में सक्षम नहीं हैं। …

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