कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की यह पुस्तक राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। उसी पुस्तक से एक अंश पढ़िए- ========================== मन के भीतर मस्तिष्क है या मस्तिष्क के भीतर मन यह तो पता नहीं;पर मस्तिष्क के भीतर शिराओं में जो …
Read More »गीताश्री के उपन्यास ‘सामा चकवा’ का एक अंश
हाल में ही गीताश्री का उपन्यास आया है ‘सामा चकवा’। मिथिला का एक पर्व, द्वापर युग की कथा, पर्यावरण प्रेम। उपन्यास अनेक समकालीन संदर्भों को ध्वनित करने वाला है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- ==================================== एक समय की बात है एक था जंगल, एक …
Read More »प्रदीप दाश के उपन्यास ‘चरु, चीवर और चर्या’ का अंश
बड़े दिनों बाद एक दिलचस्प ऐतिहासिक उपन्यास पढ़ा- ‘चरु, चीवर और चर्या’। लेखक हैं प्रदीप दाश। उपन्यास की पृष्ठभूमि बौद्ध धर्म है, मध्यकाल से पहले के दौर में उड़ीसा में धर्मों का द्वंद्व किस तरह चल रहा था, उसमें राज्य की भूमिका कैसी थी? सब कुछ बहुत रोचक तरीक़े से …
Read More »‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’ का एक अंश
पेंगुइन स्वदेश से किताब आई है ‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’। युगल जोशी की इस किताब का एक अंश पढ़िए- ======================= माणिक की आँखों में आँसू और अंगारे दोनों ही थे। पर अब खोने को क्या बाकी था? ‘इतना ही वीर पुरुष है तो हाथ खोल दे मेरे, …
Read More »पंकज दुबे के उपन्यास ‘इश्क़ बाक़ी’ का एक अंश
पंकज दुबे उन लेखकों में हैं जिन्होंने दो भाषाओं में लिखना शुरू किया। जिस जमाने में जब विनर की कहानियाँ लिख रहे थे उन्होंने ‘लूज़र कहीं का’ का लिखा, उसके बाद उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कुछ और उपन्यास लिखे और जिनको पाठकों का प्यार भी मिला। उनका …
Read More »पुस्तक ‘कहाँ लगायें पैसा?’ का एक अंश
इधर हिन्दी में सेल्फ हेल्प की किताबों का प्रकाशन खूब बढ़ा है। जैसे यह किताब जिसका नाम है ‘कहाँ लगायें पैसा?’। लेखक हैं सीए अभिजीत कोलपकर। हम पेंगुइन स्वदेश से प्रकाशित इस किताब का एक अंश लगा रहे हैं। पढ़कर बताइएगा- ============================= आर्थिक रूप से साक्षर कैसे बनें? अपने …
Read More »भालचन्द्र नेमाड़े के उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाड़े के चांगदेव चतुष्ट्य (बिढार, हूल, जरीला, झूल) में से एक उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश पढ़िए। उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- =================== पुराणिक कॉलेज का सबसे बड़ा संकट यानी माठूराम-मुरलीमोहन-ठोसर द्वारा ली जानेवाली स्टाफ़ मीटिंगें अब नियमित शुरू हो गई थीं। …
Read More »मेरे पापा और मैं: शालीन राकेश
प्रसिद्ध नाट्य समीक्षक जयदेव तनेजा की किताब आई है ‘मोहन राकेश: अधूरे रिश्तों की पूरी दास्तान’। इस किताब में उनके जीवन से जुड़े प्रसंग हैं और उन प्रसंगों के बीच उनकी मुकम्मल छवि देखने की कोशिश है। लेकिन इस किताब में सबसे विशेष मुझे लगा मोहन राकेश के पुत्र शालीन …
Read More »एक देशभक्त की कथा: हरिशंकर परसाई
आज महान व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की जयंती है। आज से उनकी जन्मशताब्दी की भी शुरुआत हो रही है। इस अवसर पर पढ़िए उनका एक व्यंग्य जो ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ से लिया है। यह किताब राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================= चीनी डॉक्टर भागा [एक देशभक्त की कथा] शहर के …
Read More »जयंती रंगनाथ के उपन्यास ‘मैमराज़ी: बजाएगी पैपराजी का बैंड’ का एक अंश
वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका जयंती रंगनाथ के उपन्यास ‘मैमराज़ी: बजाएगी पैपराजी का बैंड’ का एक रोचक अंश पढ़िए। यह उपन्यास हिंद युग्म से प्रकाशित है- ======================== शशांक अभी भी परेशान लग रहा था। उसने सुंदरी का हाथ पकड़ा और ज़ोर से कहा, “श्श्श! चलो, निकलते हैं यहाँ से।” “कहाँ जा …
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