आज रेल दिवस है और संयोग से मैं रेल में हूँ। मैंने रेल यात्राएँ बहुत कम की हैं। उस पर भी अकेले तो बहुत ही कम मगर फिर भी रेल यात्राएँ सबसे अधिक लुभाती हैं। सबसे अधिक आरामदायक भी वही होती हैं। पिछले साल दिल्ली गयी थी। तब लम्बे अरसे …
Read More »वाइन पीना दिमाग की सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है!
हमारे देश में शराबंदी के पीछे राजनीतिक कारण अधिक होते हैं. कोई सोची समझ रणनीति नहीं होती है. आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में बहुत अच्छा सम्पादकीय पढ़ा. इसमें लिखा गया है अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने शोध में यह पाया है कि वाइन पीने से दिमाग दुरुस्त रहता …
Read More »यह जवान हो चुके चैत का मौसम है!
वरिष्ठ लेखक राकेश कुमार सिंह का लेखन किसी परिचय का मोहताज नहीं है. एक ज़माने में उनका उपन्यास आया था ‘पठार पर कोहरा’. बहुत प्रभावित हुआ था. बाद में उनके अनेक उपन्यास आए. उनकी अच्छी चर्चा भी हुई. सबसे प्रभावित करता है उनका पलामू जिले में अपने गाँव को लेकर …
Read More »ऐसा नॉवेल, जिसे पढ़ने के लिए उर्दू सीखी जा सकती है
पिछले साल उर्दू में एक किताब छपी थी। नाम है- रोहज़िन, जो रहमान अब्बास का लेटेस्ट नॉवेल है। ग़ौर करने लायक बात ये है कि छपने से लेकर आज तक इस किताब ने उर्दू की गलियों में धूम मचा रखी है। किताब से गुज़रते हुए कई बातें ख़याल में आती …
Read More »औरतों की संगीतमय दुनिया ‘समरथ’
हुआ यूँ कि जानी मानी थिएटर आर्टिस्ट/लेखिका विभा रानी ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हुईं और अपनी मजबूत जिजीविषा के कारण इस बीमारी से उबर भी गईं। लेकिन बीमारी के दौरान वो अपने मन की बात काग़ज़ों पर दर्ज़ करती रहीं। वो बातें, एक कविता संग्रह के रूप में प्रकाशित हुई …
Read More »शोभा शामी की डायरी से एक अंश
शोभा शामी बंगलौर के एक मीडिया ऑर्गनाईजेशन में सोशल मीडिया एनलिस्ट है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में नेटवर्क 18, अमर उजाला और दैनिक भास्कर में एक डिजिटल जर्नलिस्ट की तरह काम किया है. सोशल मीडिया, पत्रकारिता और राईटिंग.. शोभा के पास इन तीन चीजों का एक अच्छा तालमेल है. वो …
Read More »जीवन भर की दोस्ती की सच्ची कहानी
शालिनी श्रीनेत आजकल कुछ सच्चे किरदारों से मिलकर उनकी उनके बारे में लिख रही हैं जिनका जीवन अपने आप में कम अफसाना नहीं रहा. ऐसी ही एक कहानी एक लोक-कलाकार और एक चित्रकार, सिरेमिक कलाकार की प्रेम कहानी आज प्रस्तुत है- मॉडरेटर ================================================= मेरा नाम अज्ञेश है। मैं छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव …
Read More »पंकज दुबे की कहानी ‘किमची’ दिव्या विजय के हिंदी अनुवाद में
पंकज दुबे अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में समान रूप से दक्ष लेखक हैं लेकिन कोरिया की पृष्ठभूमि की यह कहानी उन्होंने अंग्रेजी में लिखी थी, जिसका अनुवाद लेखिका दिव्या विजय ने किया है. कहानी और अनुवाद दोनों का आनंद लीजिये- मॉडरेटर ============= किम्ची उसने अपने नाम से कभी जुड़ाव …
Read More »गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की कहानी ‘बड़ी अम्मा का फ्यूनरल’
आज मार्केज़ की इस कहानी की याद आ गई. कुछ साल पहले इसका अनुवाद अपर्णा मनोज ने किया था. कैसे यथार्थ जादुई हो जाता है इसके लिए पढ़िए- मॉडरेटर ——————————————————————————– दुनिया के तमाम लामजहब लोगों के लिए बडम्मा की यह सच्ची कहानी – जो मेकोंडो मुल्क की तानाशाह सुल्ताना थी। …
Read More »गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की कहानी ‘गाँव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है’
आजकल के माहौल में अचानक मार्केज़ की यह कहानी याद आ गई. मूल स्पैनिश भाषा से अनुवाद किया है युवा कवि-लेखक श्रीकांत दुबे. बहुत छोटी सी कहानी है. पढ़कर बताइयेगा कि यह समकालीन माहौल से कितनी मिलती जुलती है- मॉडरेटर ================ एक बहुत छोटे से गाँव की सोचिए जहाँ एक …
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