‘सुपर थर्टी’ फ़िल्म का शिक्षा की दृष्टि से बहुत अच्छा विश्लेषण किया है शिक्षा एवं भाषाशास्त्र के विशेषज्ञ कौशलेंद्र प्रपन्न ने- मॉडरेटर ================================================ संघर्ष व दुख जिन्हें मांजती है उन्हें आनंद कुमार बना देती है। यही एक पंक्ति कही जा सकती है जिसमें आनंद कुमार की पूरी संघर्ष यात्रा को …
Read More »अपना शहर पराया शहर
भाषा एवं शिक्षा शास्त्र विशेषज्ञ कौशलेन्द्र प्रपन्न का यह लेख शहरों के अपने परायेपन को लेकर है. बेहद आत्मीय गद्य- मॉडरेटर ==================== शहर किसी का भी हो वह हमें ताउम्र प्यारा होता है। बार बार लौटकर अपने शहर आने का लोभ हम रोक नहीं पाते। कहीं भी रहें। देश दुनिया …
Read More »शिक्षाविद नौकरी बचाएं या शिक्षा बचाएं
शिक्षाविद कौशलेन्द्र प्रपन्न का यह लेख डीयू में अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में चेतन भगत की किताब को लगाने को लेकर लिखा गया है. लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में जो गलाजत मची हुई है उसके ऊपर बहुत अच्छा लेख है. पढियेगा- मॉडरेटर ====================================================== अकादमिक हलकों में कोई शोर नहीं। सहज स्वीकार्य। …
Read More »एक अनजानी दुनिया की सबसे विश्वसनीय खिड़की
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की किताब ‘मैं हिजड़ा मैं लक्ष्मी‘ मेरी सबसे प्रिय किताबों में एक है. लक्ष्मी ने किन्नर समुदाय की पहचान को एक नई ऊंचाई दी. आज वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा कौशलेन्द्र प्रपन्न ने लिखी है- मॉडरेटर =================== आज मैं ऐसी किताब की चर्चा करने जा …
Read More »यह शिक्षा के नए पंथ में ढलने का दौर है!
दक्षिणपंथ की सरकार जब भी केंद्र में आती है तब वह शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करने में लग जाती है. एक बार फिर ऐसी आशंका लग रही है. युवा शिक्षाशास्त्री कौशलेन्द्र प्रपन्न का एक सुचिंतित लेख- मॉडरेटर ================================================================== शिक्षा समितिओं और आयोगों की सिफारिशों और नीतियों को समय समय पर …
Read More »इत्ती-इत्ती किताबें किसके लिए छपती हैं?
हिंदी में किताबों की दुनिया का विस्तार हो रहा है. यह बड़ी सुखद बात है. लेकिन कंटेंट को लेकर घालमेल बढ़ता जा रहा है यह चिंता की बात है. शिक्षाविद कौशलेन्द्र प्रपन्न का लेख इन्हीं चिंताओं को लेकर है- मॉडरेटर =================================================================== पुस्तकें होती ही हैं पाठकों के लिए। और लेखक …
Read More »बाल साहित्य और शिक्षा की किताबों की चर्चा क्यों नहीं होती?
हिंदी में साल भर की किताबों का जो लेखा जोखा प्रकाशित होता है उनमें बाल साहित्य तथा शिक्षा से सम्बंधित पुस्तकों की चर्चा न के बराबर होती है. शिक्षाविद कौशलेन्द्र प्रपन्न ने एक बढ़िया आकलन करने की कोशिश की है- मॉडरेटर. ============================= कविता, कहानी, उपन्यास, यात्रा वृत्तांत आदि साहित्य की …
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