‘तहलका‘ के नए अंक में प्रकाशित प्रसिद्ध लेखिका मृदुला गर्ग का यह लेख नया ज्ञानोदय–साक्षात्कार प्रकरण में कई ज़रूरो सवालों की याद दिलाता है. संपादक की भूमिका की याद दिलाता है. एक समय था कि संपादक आगे बढ़कर अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर लेते थे, एक यह दौर है कि साक्षात्कार …
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