प्रतिष्ठित पत्रिका ‘पाखी’ ने लोकप्रिय साहित्य को लेकर एक ऐतिहासिक आयोजन किया है जिसमें लोकप्रिय धारा के प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है. बातचीत विशी सिन्हा ने की है. सच बताऊँ तो हाल के बरसों में ऐसा इंटरव्यू मैंने किसी लेखक का नहीं पढ़ा. आप भी …
Read More »इतने वर्षों तक ‘चुप’ रहने के लिए कोई अनुबंध हुआ था?
‘पाखी’ में प्रकाशित वरिष्ठ लेखक श्रवण कुमार गोस्वामी के लेख की एक दिलचस्प रीडिंग की है युवा कवि-लेखक त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने- जानकी पुल. =================================== ‘पाखी’ (अंक-3, दिसंबर-2012) का पन्ना-दर-पन्ना पलटने पर पता चलता है कि एक वरिष्ठ लेखक एक युवा लेखिका से कुछ-कुछ नाराज़ जैसा है। बात महज इतनी-सी …
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