श्रीकांत वर्मा की कविता पुस्तक ‘मगध’ पर यह लेख आशुतोष भारद्वाज ने लिखा है. आजकल कविता का इतना सूक्ष्म विश्लेषण विरल होता जा रहा है. लेकिन ख़ुशी होती है कि समकालीन लेखकों में भी इस तरह का धैर्य और तैयारी दिखाई देती है- मॉडरेटर =============================== जब हम किसी चीज को …
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