सौरव कुमार सिन्हा का एक लेख ‘लल्लनटॉप’ पर पढ़ा था जौन एलिया की शायरी पर. बहुत मुतास्सिर हुआ था. अब आप हिंदी के शायर राजेश रेड्डी की शायरी पर उनका यह लेख पढ़िए आप भी मुतास्सिर हो जायेंगे- मॉडरेटर ====================== मुशायरे की रवायत सदियों पुरानी है। पिछले दो दशकों में …
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