आज संजय चतुर्वेदी की कवितायेँ. 90 के दशक में इनकी कविताओं ने कविता की भाषा बदली थी, संवेदना का विस्तार किया था. मुझे याद है ‘इण्डिया टुडे‘ के साहित्य वार्षिकांक में इनकी एक कविता छपी थी जिसमें एक पंक्ति थी ‘इण्डिया में एक सेंटर है जो इन्टरनेशनल है‘. बहुत चर्चा …
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