दुःख होता है. हम लेखक अपने लेखक समाज से कितने बेखबर होते जा रहे हैं. अमर गोस्वामी चले गए, हमारा ध्यान भी नहीं गया. मेरा भी नहीं गया था. सच कहूँ तो मैंने भी उनका अधिक कुछ नहीं पढ़ा था. लेकिन उनको जानता था, उनके बारे में जानता था. पहली …
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