अमितेश कुमार का एक सुन्दर लेख भोजपुरी कवि दिनेश भ्रमर पर. बहुत कुछ सोचने को विवश करने वाला- मॉडरेटर =============== हिंदी साहित्य के हाशिये पर ऐसी बहुत सी प्रतिभायें रहती है जिसकी हिंदी साहित्य की मुख्यधारा न तो कभी शिनाख्त करती है न करना चाहती है. इतिहास और आलोचना के …
Read More »गाँव, विकास और रंगमंच
गाँव के रंगमंच को लेकर एक बड़ा रोचक और दुर्लभ किस्म का संस्मरण लिखा है युवा रंग समीक्षक अमितेश कुमार ने. लम्बे लेख का एक छोटा सा अंश प्रस्तुत है. आप भी आनंद लीजिये- मॉडरेटर =================================== शुरूआत हुई थी 2005 में. अपने गांव वाले घर में चोरी होने के कारण …
Read More »लुक छिप बदरा में चमके जैसे चनवा…
जाने माने रंगकर्मी, कथाकार, लोक कलाओं के माहिर विद्वान हृषिकेश सुलभ का यह षष्ठी योग का वर्ष है, इसलिए जानकी पुल पर हम समय समय पर उनकी रचनाएँ, उनके रचनाकर्म से जुड़ी सामग्री देते रहेंगे. आज प्रस्तुत है एक बातचीत जो की है मुन्ना कुमार पाण्डे और अमितेश कुमार ने- …
Read More »राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल अपनी स्थापना का 50 वां वर्ष मना रहा है
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का रंगमंडल अपनी पचासवीं वर्षगांठ मना रहा है कुछ लोग के अनुसार इस उपलक्ष्य में शोक सभा होनी चाहिये क्योंकि अब यह अपने अतीत में ही गर्क हो रहा है उसी का बोझ धो रहा है. लेकिन इस अवसर पर एक जलसा हो रहा है और इसी …
Read More »नुक्कड़ नाटकों की ‘अंतर्ध्वनि’
दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई नुक्कड़ नाटकों की प्रतियोगिता के बहाने नुक्कड़ नाटकों पर अच्छा लेख लिखा है युवा रंग-आलोचक अमितेश कुमार ने- जानकी पुल ======================================== तीन दिन के मैराथन नुक्कड़ प्रदर्शनी को देखने के बाद जब हम इस निष्कर्ष पर पहूंचने ही वाले थे कि नुक्कड़ नाटकों में कुछ नया …
Read More »भारंगम की हलचल शुरू हो गई है
भारंगम की शुरुआत होने वाली है। उसकी तैयारियों, उसमें दिखाये जाने वाले नाटकों के बहाने बहुत शानदार लेख लिखा है प्रसिद्ध युवा रंग समीक्षक अमितेश कुमार ने। आपके लिए- जानकी पुल। ========================================================== टिकट खिड़की पर अग्रिम बुकिंग के साथ ही भारंगम की हलचल शुरू हो गई है. तैयारी का अंदाजा …
Read More »अमितेश कुमार की ट्विटर कहानियां
कहानी 140 प्रतियोगिता में अमितेश कुमार एक ऐसे लेखक रहे जिनको दो दिन पुरस्कार मिला. आज उनकी ट्विटर कहानियां- जानकी पुल. ============================= आखिरी दांव भी खाली गया, रिजल्ट से निराश उसने अपने कमरे का मुआयना किया, ये सब लेकर कहां और कैसे ? फ़िर बत्रा के लिये निकल गया ======================================= …
Read More »उम्मीदों के चराग गलियों में रोशन हो रहे हैं
बीते साल की दस प्रमुख नाट्य प्रस्तुतियों पर लिखा है युवा आलोचक-शोधार्थी अमितेश कुमार ने- जानकी पुल. ======= ======= साल का अंत एक दुखद नोट के साथ हुआ लेकिन उम्मीदों के चराग गलियों में रोशन हो रहे है. दिल्ली के जंतर मंतर और दुर्भेध बना दिया गए इंडिया गेट के अलावा …
Read More »क्या ‘उसने कहा था’ हिंदी की सर्वश्रेष्ठ प्रेम कहानी है?
१९१५ में प्रकाशित ‘उसने कहा था’ हिंदी की एक ऐसी कहानी है जिसके पाठ में आज भी आकर्षण बना हुआ है. चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की इस कहानी का एक नया पाठ किया है दिल्ली विश्वविद्यालय के युवा शोधार्थी अमितेश कुमार ने. रोचक पाठ है- जानकी पुल. ========================================= “ फ़्रास और …
Read More »‘लोकप्रिय’ शब्द सुनते ही बौद्धिक वर्ग के कान खड़े हो जाते हैं
हिंदी में लोकप्रिय साहित्य के अध्ययन विश्लेषण के कम ही प्रयास हुए हैं. आम तौर पर उनको लुगदी साहित्य, सस्ता साहित्य कहकर टाल दिया जाता है, जबकि हिंदी के बड़े समाज में पढ़ने की रूचि पैदा करने में उनकी गहरी भूमिका रही है. लोकप्रिय साहित्य का एक गंभीर विश्लेषण किया …
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