‘मुक्तांगन’ का यह तीसरा आयोजन है. दिल्ली के केन्द्रों में आयोजित होने वाले एक से आयोजनों की ऊब को दूर करने के उद्देश्य से बिजवासन के उषा फार्म्स में शुरू किया गया यह आयोजन अपनी स्थायी जगह बनाता जा रहा है. हर महीने इसका इन्तजार रहता है… कि इस बार …
Read More »आराधना प्रधान की कविताएं
आराधना प्रधान को मैं साहित्य की एक गंभीर एक्टिविस्ट के रूप में जानता रहा हूँ. उनकी कविताओं को पढना सुखद लगा. पहले भी उनकी कविताएं ‘कथादेश’ में छप चुकी हैं. भावों को शब्दों में पिरोने की कला ही तो कविता होती है. कुछ सघन भावों की जीवंत कविताएं- मॉडरेटर …
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