युवा कवि अविनाश मिश्र का कविता संग्रह ‘चौंसठ सूत्र सोलह अभिमान’ हिंदी में अपने ढंग का अकेला संग्रह है. यह कामसूत्र से प्रेरित है और प्रेम सिक्त है. हिंदी में इरोटिक कविताएँ लिखी गई हैं लेकिन घोषित रूप से इरोटिक कविता संकलन न के बराबर हैं. जो हैं भी उनके …
Read More »‘नए शेखर की जीवनी’ आत्मा और अंतर्द्वंद्व की कहानी है
अविनाश मिश्र से आप असहमत हो सकते हैं उसको नजरअंदाज़ नहीं कर सकते. वाणी प्रकाशन से प्रकाशित उसकी पहली गद्य-पुस्तक ‘नए शेखर की जीवनी’ पढ़ते हुए कई बार लगता है कि इसके लेखक की खूब आलोचना करूं, कई बार लगता है खूब प्यार करूं. हिंदी में एक अलग कैफियत की …
Read More »अविनाश मिश्र की कविताएं
हरेप्रकाश उपाध्याय के संपादन में निकली पत्रिका ‘मंतव्य’ की वाह-वाह हो रही है लेकिन यह लिखने वाले कम लोग हैं कि इस पत्रिका में छपी रचनाओं में अच्छा क्या है. सोशल मीडिया की वाह-वाह ऐसी ही होती है. बहरहाल, इस पत्रिका पर मैं विस्तार से बाद में लिखूंगा. पहले युवा …
Read More »एक खुशअदब खुशहाल का जाना
कल खुशवंत सिंह का निधन हो गया. वे भरपूर जिंदगी जीकर गए मगर फिर भी उनकी कमी खलेगी. उनकी उपस्थिति विराट थी. इतने रूपों में उन्होंने इतने काम किये कि उनकी सूची बनाने में कुछ न कुछ छूट जाने का डर रहता है. वैसे यह कहा जा सकता है …
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