अनुराग कश्यप ने सिनेमा की जैसी बौद्धिक संभावनाएं जगाई थीं उनकी फ़िल्में उन संभावनाओं पर वैसी खरी नहीं उतर पाती हैं. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का भी वही हाल हुआ. इस फिल्म ने सिनेमा देखने वाले बौद्धिक समाज को सबसे अधिक निराश किया है. हमारे विशेष आग्रह पर कवि-संपादक-आलोचक गिरिराज किराडू ने …
Read More »गैंग्स आफ डिसबैलेन्सपुर वाया मेडिटेशन
अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की पब्लिसिटी रिलीज होने से पहले से ही कुछ ‘चवन्नी छाप’ फिल्म समीक्षकों ने इतनी कर दी थी कि फिल्म से बड़ी उम्मीदें बन गई थीं. बहरहाल, अनुराग असल में मीडिया हाइप के निर्देशक हैं. भाई लोगों का बस चले तो उसे हिंदी …
Read More »