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Tag Archives: jawaharlal nehru

नेहरु, जो गुलाब थे अब कांटे बनकर खटकने लगे हैं!

पिछले कुछ वर्षों में नेहरु को खूब याद किया जा रहा है. बीच में तो उनको लोग भूलने से लगे थे. हाँ, यह बात अलग है कि पहले उनको सीने पर लगे गुलाब के गुलाब के लिए याद किया जाता था. आज देश की एक बड़ी आबादी को उस गुलाब …

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नेहरु जी की पुण्यतिथि पर अग्निशेखर की कविता ‘जवाहर टनल’

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की पुण्यतिथि पर एक कविता अग्निशेखर की जिसका शीर्षक है ‘जवाहर टनल. आज के माहौल के बहुत अनुकूल है- मॉडरेटर ======================= गीले और घने अँधेरे से भरी थी जवाहर लाल नेहरू सुरंग और हम दहशत खाए लोग भाग रहे थे सहमी बसों में जवाहर …

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मुक्तिबोध का लेख ‘दून घाटी में नेहरु’

मुक्तिबोध का यह लेख भी आज पढ़ा जाना चाहिए- ======================== सुना है पण्डित जवाहरलाल नेहरू एक हफ़्ते छुट्टी पर रहेंगे। ‘आराम हराम है’ का नारा देने वाले नेहरूजी को स्वयं आराम की कितनी जरूरत है, यह किसी से छिपा नहीं। देश-विदेश की हर छोटी-सी घटना उनके संवेदनशील मन को केवल …

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नेहरु जी जनतंत्र के सबसे बड़े प्रकाश स्तम्भ थे

आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की पुण्यतिथि है. आज के ही दिन 1964 में उनका देहांत हुआ था. लेखकों-कलाकारों से जैसा राग नेहरु जी का था वैसा किसी और प्रधानमंत्री का नहीं हुआ. हिंदी के लेखकों को भी सबसे अधिक मान-सम्मान उनके ही काल में मिला. राष्ट्रकवि रामधारी …

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क्या जवाहरलाल नेहरु आस्तिक थे?

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के बारे में यह आम धारणा है कि वे वैज्ञानिक सोच वाले थे, पूर्ण रूप से नास्तिक थे. लेकिन उनके करीबी माने जाने वाले कवि रामधारी सिंह दिनकर ने उनके ऊपर एक किताब लिखी थी- ‘लोकदेव नेहरु‘. उस पुस्तक में नेहरु जी के धार्मिक …

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नेहरु के भारत की खोज: सदन झा

नेहरु की पुण्यतिथि है. नेहरु ने इतिहास की कई किताबें लिखीं लेकिन नेहरु के इतिहास-दृष्टि की चर्चा कम होती है. युवा इतिहासकार सदन झा का यह संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित लेख नेहरु के इतिहास दृष्टि अच्छी झलक देता है. आपके लिए- जानकी पुल. =========================================== यदि चंद जीवनीकारों के अपवाद को कुछ …

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जवाहरलाल नेहरु का ऐतिहासिक भाषण हिंदी अनुवाद में

14 अगस्‍त की रात संविधान परिषद, नई दिल्‍ली में दिया गया जवाहरलाल नेहरू का भाषण:  —————————————————————————————————– बहुत वर्ष हुए, हमने भाग्य से एक सौदा किया था, और अब अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का समय आ गया है। पूरी तौर पर या जितनी चाहिए उतनी तो नहीं, फिर भी काफी हद तक। जब आधी रात के …

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