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Tag Archives: manohar shyam joshi

मनोहर श्याम जोशी और सोप ऑपेरा के आखिरी दिन!

आज यानी 30 मार्च को हिंदी में अपने ढंग के अकेले लेखक मनोहर श्याम जोशी की पुण्यतिथि है. देखते देखते उनके गए 16 साल हो गए. आइए पढ़ते हैं उनके सोप ओपेरा लेखन के दिनों को लेकर एक छोटा सा संस्मरण- प्रभात रंजन ====================== 1995 की वह जनवरी मुझे कई कारणों से याद …

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मनोहर श्याम जोशी भाषा की हर भंगिमा में माहिर थे!

मनोहर श्याम जोशी जी की आज पुण्यतिथि है। आज उनको याद करते हुए मेरी एक छोटी सी टिप्पणी पढ़िए- प्रभात रंजन ================================== कुछ दिन पहले लेखक-आलोचक-पत्रकार आशुतोष भारद्वाज से बात हो रही थी। बात मनोहर श्याम जोशी के लेखन की होने लगी। मैंने कहा कि जोशी के उपन्यासों में जो …

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कैंजा, साबुली कैंजा और मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास ‘कसप’

कुछ उपन्यासों के प्रमुख किरदार इतने हावी हो जाते हैं कि कई संगी किरदारों पर ध्यान ही नहीं जाता। मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘कसप’ की साबुली कैंजा ऐसी ही एक किरदार हैं। मुदित विकल ने उस किरदार पर, कैंजा शब्द पर बहुत सुंदर लिखा है। साजा कर रहा हूँ …

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अमृतलाल नागर का पत्र मनोहर श्याम जोशी के नाम

आज मनोहर श्याम जोशी की जन्मतिथि है। आज एक दुर्लभ पत्र पढ़िए। जो मनोहर श्याम जोशी को उनके गुरु अमृतलाल नागर ने लिखा था। अमृतलाल नागर को वे अपना गुरु मानते थे। पत्र का प्रसंग यह है कि 47 साल की उम्र में शिष्य मनोहर श्याम जोशी का पहला उपन्यास …

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यतीश कुमार द्वारा ‘कसप’ पर काव्यात्मक टिप्पणी

यतीश कुमार बहुत निराले कवि हैं, जब कोई किताब पढ़ते हैं तो उसकी समीक्षा करते हुए कविता लिख देते हैं। पिछले दिनों उन्होंने मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास ‘कसप’ पढ़ा और ऐसे प्रभावित हुए कि कई कविताएँ लिख दी। यह उनकी मौलिक शैली है और इस शैली में उनकी लिखी …

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मनोहर श्याम जोशी: जन्मदिन स्मरण

आज हिंदी में एक ढंग के अकेले लेखक मनोहर श्याम जोशी की जन्मतिथि है। यदि वे आज जीवित होते तो 86 साल के होते। उनको याद करते हुए पढ़ते हैं उनके उपन्यास ‘कौन हूँ मैं’ का एक अंश, जिसके ऊपर अपने जीवन के अंतिम दिनों तक वे काम करते रहे …

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प्रेम और कुमाऊँनी समाज के प्रेम का उपन्यास ‘कसप’

साहित्यिक कृतियों पर जब ऐसे लोग लिखते हैं जिनकी पृष्ठभूमि अलग होती है तो उस कृति की व्याप्ति का भी पता चलता है और बनी बनाई शब्दावली से अलग हटकर पढ़ने में ताज़गी का भी अहसास होता है। मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘कसप’ पर चन्द्रमौलि सिंह की इस टिप्पणी …

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बचपन में अपने भविष्य के बारे में कुल जमा पचपन सपने देखे थे

आज मनोहर श्याम जोशी की पुण्यतिथि है. 2006 में आज के ही दिन उनका देहांत हो गया था. संयोग से उसी साल उनको साहित्य अकादेमी पुरस्कार भी मिला था. उस अवसर पर उन्होंने जो संक्षिप्त भाषण दिया था वह यहाँ अविकल रूप से प्रस्तुत है- मॉडरेटर =========================== हाल में एक …

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माओ के बाद के कम्युनिस्ट चीन की ‘मनोहर’ झांकी

करीब 40 साल पहले मनोहर श्याम जोशी तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ चीन यात्रा पर गए थे, माओ के बाद का चीन धीरे धीरे खुल रहा था. उन्होंने बहुत बारीकी से चीन के बदलावों को दिखाया है. आज मनोहर श्याम जोशी की जयंती पर उसी चीन यात्रा-संस्मरण …

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मनोहर श्याम जोशी की कविता ‘निर्मल के नाम’

निर्मल वर्मा के लिए उनके समकालीन लेखक मनोहर श्याम जोशी ने यह कविता 1950 के दशक के आखिरी वर्षों में लिखी थी जब दोनों लेखक के रूप में पहचान बनाने में लगे थे. मनोहर श्याम जोशी तब ‘कूर्मांचली’ के नाम से कविताएँ लिखते थे. आज निर्मल वर्मा का जन्मदिन है. …

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