आज से इण्डिया हैबिटेट सेंटर का भारतीय भाषा महोत्सव ‘समन्वय’ शुरू हो रहा है. इसमें इस बार भोजपुरी के दुर्लभ कवि-लेखक प्रकाश उदय को सुनने का मौका भी मिलने वाला है. उनके साहित्य पर युवा कवि मृत्युंजय ने यह बहुत अच्छी टीप लिखी है. और आस्वाद के लिए उनकी पांच …
Read More »भीषण तनाव है, सीने में घाव है
किसने कहा था कि कविता असल में चिंतन की एक शैली है, याद नहीं. लेकिन युवा कवि मृत्युंजय की कविताओं को पढते हुए अगर इस वाक्य का ध्यान आ जाता है तो अकारण नहीं है. एकध्रुवीय होते इस विश्व की क्रूर लीलाएं, विश्व-ग्राम के छदम उनकी कविताओं में उद्घाटित होते …
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