आज वरिष्ठ कवि, चिंतक, संस्कृतकर्मी अशोक वाजपेयी का जन्मदिन है। जानकी पुल उनके शतायु होने की कामना करता है। इस अवसर पर पढ़िए युवा लेखिका रश्मि भारद्वाज की यह टिप्पणी- ============== ‘मुझे किसी ने बताया नहीं था कि कवि होने के लिए क्या-क्या होना न होना पड़ता है!’ अपना समय …
Read More »रानी रूपमती ने बाँची अपनी कथा: ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’
वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ का उपन्यास आया है ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास पर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== मांडू का उल्लेख आते ही आँखों के आगे प्रेम, समर्पण और विद्रोह की एक कथा …
Read More »कविता शुक्रवार 8: रश्मि भारद्वाज की कविताएँ: वाजदा खान के चित्र
कविता शुक्रवार के अंक 8 में शामिल हैं रश्मि भारद्वाज की नई कविताएं और कवि-चित्रकार वाजदा खान के चित्र।स्त्री-पर्व सीरिज़ की पहली प्रस्तुति। रश्मि भारद्वाज का जन्म मुज़फ़्फ़रपुर बिहार में हुआ और आरंभिक शिक्षा भी बिहार में ही हुई। स्नातक करने के बाद वह पत्रकारिता का अध्ययन करने दिल्ली आयीं। …
Read More »स्त्री के सशक्त एकांत और दुरूह आरोहण की कविताएँ
रश्मि भारद्वाज का कविता संग्रह ‘मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है’ जब से प्रकाशित हुआ है चर्चा में है। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह की कविताओं की एक विस्तृत समीक्षा राजीव कुमार ने लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं। =============== रश्मि भारद्वाज का काव्य संग्रह “मैंने अपनी …
Read More »टैगोर: ‘वह कवि जब तक जिया, उसने प्रेम किया’
आज रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर सुपरिचित कवयित्री, प्रतिभाशाली लेखिका रश्मि भारद्वाज का लेख पढ़िए। पहले यह लेख ‘दैनिक भास्कर’ में प्रकाशित हो चुका है। वहाँ से साभार पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== ‘मैंने अपने जीवन में चाहे और जो कुछ भी किया हो, एक लंबी ज़िंदगी जी लेने के बाद आज …
Read More »‘एक सेक्स मरीज़ का रोगनामचा: सेक्स ज़्यादा अश्लील है या कला जगत’ की समीक्षा
प्रसिद्ध कला एवं फिल्म समीक्षक विनोद भारद्वाज ने कला जगत को लेकर दो उपन्यास पहले लिखे थे. हाल में ही उनका तीसरा उपन्यास आया है ‘एक सेक्स मरीज़ का रोगनामचा: सेक्स ज़्यादा अश्लील है या कला जगत’, इस उपन्यास की समीक्षा इण्डिया टुडे के नए अंक में प्रकाशित हुई है …
Read More »रस्किन बांड की कहानी ‘अँधेरे में एक चेहरा’
रस्किन बांड ने भूतों-प्रेतों की अलौकिक दुनिया को लेकर अनेक कहानियां लिखी हैं. उनकी ऐसी ही कहानियों का संकलन ‘अँधेरे में एक चेहरा’ नाम से राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. अंग्रेजी से इन कहानियों का अनुवाद किया है युवा लेखिका रश्मि भारद्वाज ने. उसी किताब से एक …
Read More »हंसदा सोवेंद्र शेखर की कहानी ‘नवंबर प्रवास का महीना है’
आजकल आदिवासी जीवन को लेकर लेखन की चर्चा है. ऐसे में याद आया साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2015 से सम्मानित हंसदा सोवेंद्र शेखर की अंग्रेजी किताब ‘आदिवासी विल नॉट डांस’, जिसका हिंदी अनुवाद राजपाल एंड सन्ज प्रकाशन से शीघ्र प्रकाशित होने वाला है. अनुवाद हिंदी की युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज …
Read More »रश्मि भारद्वाज की कहानी ‘जलदेवी’
रश्मि भारद्वाज की कविताओं से मैं बहुत प्रभावित हुआ था. लेकिन उसकी इस कहानी ने मुझे चौंका दिया. किसी लोककथा की शैली में यह कहानी बढती चलती है, गाँव के जमीन से जुड़ी ठोस कहानी. मुझे गर्व होता है कि मेरी छोटी बहन इतना अच्छा लिख सकती है. ज्यादा लिखना …
Read More »बाहर का उजाला मन को अँधेरा कर जाता है!
दीवाली से छठ तक बिहार में आज भी एक उत्सव का माहौल बना रहता है. साल भर लोग इन्तजार करते हैं इस त्यौहार का. इसी को याद करते हुए अपने बचपन के दिनों में चली गई हैं युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज– मॉडरेटर ======================= बीते दिनों का जो एक छूटा सिरा …
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