रवीश कुमार को पढ़ते हुए, सुनते हुए कई बार कि ये मूलतः कवि-ह्रदय हैं. ‘इश्क में शहर होना’ के बाद तो ऐसा बार-बार लगा लेकिन इधर वे कविता के रूप में ही कविताएं लिख रहे हैं. उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि वे ड्रेरित काव्य लिख रहे हैं, जैसे आप …
Read More »क्या यह हिंदी प्रकाशन जगत में ‘ब्रांड वार’ की शुरुआत है?
इस बार विश्व पुस्तक मेले की शुरुआत वेलेन्टाइन डे के दिन हो रही है और हिंदी के दो बड़े प्रकाशकों में इश्क को लेकर ‘ब्रांड वार’ की शुरुआत हो गई है. पहली किताब है राजकमल प्रकाशन के नए इंप्रिंट ‘सार्थक’ से प्रकाशित ‘इश्क में शहर होना’, जिसके लेखक हैं जाने …
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