उत्तर आधुनिकता के विद्वान सुधीश पचौरी जिस विषय पर लिखते हैं उसका एक नया ही पाठ बना देते हैं- हमारे जाने समझे सबजेक्ट को हमारे लिये नया बना देते हैं- उदहारण के लिए सरिता_मार्च (प्रथम अंक) व्यंग्य विशेषांक में प्रकाशित हंसी पर यह लेख. आपके लिए प्रस्तुत है- जानकी पुल. ————————————————————————————————————————————————— …
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