जाने माने चित्रकार, सेरेमिक कलाकार, लेखक सीरज सक्सेना के साथ कवि-कला समीक्षक राकेश श्रीमाल की बातचीत की किताब आई है ‘मिट्टी की तरह मिट्टी’। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब का एक अंश पढ़िए- ================ राकेश श्रीमाल– मिट्टी में काम शुरू करने के बहुत पहले, यानी बचपन में मिट्टी से …
Read More »मिट्टी में काम करते हुए समय जैसे स्थिर हो जाता है: सीरज सक्सेना
चित्रकार, सेरेमिक कलाकार सीरज सक्सेना के साथ कवि-संपादक राकेश श्रीमाल की बातचीत की किताब आई है ‘मिट्टी की तरह मिट्टी’। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब का एक अंश प्रस्तुत है- =================== मिट्टी में काम शुरू करने के बहुत पहले, यानी बचपन में मिट्टी से खेलते हुए, मिट्टी को भूमि …
Read More »अलविदा सीमा घुरैया: सीरज सक्सेना
देश की ख्यातनाम चित्रकार सीमा घुरैया 22 सितम्बर की शाम अपनी उस अनन्त यात्रा में चली गईं, जहाँ से वे अब केवल कला-बिरादरी की स्मृतियों में ही रहेंगी। ‘जानकी पुल’ और उसके साप्ताहिक उपक्रम ‘कविता शुक्रवार’ के लिए हमारे विशेष आग्रह पर यह स्मृति-लेख युवा कलाकार सीरज सक्सेना ने लिखा …
Read More »आँखों में पानी और होंठो में चिंगारी लिए चले गए राहत इंदौरी: राकेश श्रीमाल
मुशायरों के सबसे जीवंत शायरों में एक राहत इंदौरी का जाना एक बड़ा शून्य पैदा कर गया है। उनको याद करते हुए यह लेख लिखा है कवि-संपादक-कला समीक्षक राकेश श्रीमाल ने। राहत साहब को अंतिम प्रणाम के साथ पढ़िए- ========================= कितने सारे दृश्य स्मृति में एकाएक चहल-कदमी करने लगते हैं। …
Read More »नर्मदा, नाव के पाल और चित्रकार
लगभग बीस वर्ष पहले इंदौर के निकट नर्मदा किनारे बसे ग्राम पथराड में एक कला शिविर हुआ था। यह इस मायने में नवाचार लिए था कि इसके सूत्रधार युवा शिल्पी-चित्रकार सीरज सक्सेना चाहते थे कि नर्मदा में चलने वाली नावों के पाल पर चित्र बनाए जाएं। वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश ने …
Read More »कविता शुक्रवार: हरि मृदुल की कविताएँ
उत्तराखंड में नेपाल और चीन बॉर्डर के गांव बगोटी में ४ अक्टूबर, १९६९ को जन्मे हरि मृदुल की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय प्राइमरी स्कूल में ही हुई। इसके बाद वह बरेली चले गए, जहां उन्होंने स्नातकोत्तर तक शिक्षा पाई। बचपन से ही कविता लिखनी शुरू हो गई थी। कुमाऊं के अप्रतिम …
Read More »सीरज सक्सेना की पुस्तक ‘कला की जगहें’ का अंश
सीरज सक्सेना उन गिने चुने कलाकारों में हैं जो नियमित रूप से लेखन भी करते हैं। दुनिया भर में कला के संदर्भ में यात्राएँ करने वाले सीरज की किताब आई है ‘कला की जगहें‘, जो रजा पुस्तकमाला के अंतर्गत संभावना प्रकाशन हापुड़ से प्रकाशित हुई है। उसी पुस्तक का एक …
Read More »दो रंगों के बीच की रेखा, खजुराहो और सीरज सक्सेना का कला-कर्म
सीरज सक्सेना समकालीन चित्र कला, सिरेमिक आर्ट का जाना-पहचाना नाम है. अपने इस संस्मरणात्मक लेख में चित्रकार-लेखक राजेश्वर त्रिवेदी ने सीरज जी के कला-कर्म के आरंभिक प्रभावों को रेखांकित किया है. बेहद आत्मीय और जानकारी से भरपूर गद्य- मॉडरेटर ======================= अठारह साल के लंबे अंतराल में मैंने सीरज को लगभग …
Read More »कलाकार का मन कवि-मन होता है
जाने-माने शिल्पकार-चित्रकार सीरज सक्सेना हिंदी के अच्छे, संवेदनशील लेखक भी हैं. उनके लेखों का संग्रह ‘आकाश एक ताल है’ वाग्देवी प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा है. इसकी भूमिका प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक ओम थानवी ने लिखी है. प्रस्तुत है ओमजी की भूमिका- मॉडरेटर ======================== कलाकार का मन कवि-मन होता है। कैनवस …
Read More »एक कलाकार के शब्दों में सर्बिया का चित्र
चित्रकार, कलाकार सीरज सक्सेना बहुत आत्मीय गद्य लिखते हैं. यह उनकी सर्बिया यात्रा का वृत्तान्त है. पढियेगा- मॉडरेटर ========== कागज़ ,केनवस और कपड़े से बनी अपनी कलाकृतियों की दो एकल प्रदर्शनी के लिए सर्बिआ जाना सुखद तो है ही अति उत्साह इस बात का है कि अपनी कला को नए …
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