सबसे अंत में कवि बचता है, कविता बचती है। 28 फ़रवरी को आयोजित राजकमल स्थापना दिवस के आयोजन ‘भविष्य के स्वर’ में एक युवा कवि का वक्तव्य था, सुधांशु फ़िरदौस का। हम उनकी कविताओं में ऐसा खो जाते हैं कि यह भूल जाते हैं कि वे गणितज्ञ हैं, तकनीक के …
Read More »सुधांशु फिरदौस की कुछ अप्रकाशित कविताएं
आजकल कवियों के लिए अभिव्यक्ति के इतने माध्यम हो गए हैं कि मेरे अनेक प्रिय कवि संयम खोकर रोज की वर्जिश की तरह कविता लिख रहे हैं और हास्यास्पद होते जा रहे हैं. ऐसे में सुधांशु फिरदौस का संयम प्रभावित करता है. संयम शब्दों को बरतने का उसका ढंग, मीर …
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