विक्रम चंद्रा भारतीय-अंग्रेजी लेखन के ‘बूम’ के दौर के लेखक हैं. १९९५ में जब उनका उपन्यास ‘रेड अर्थ पोरिंग रेन’ प्रकाशित हुआ था तो उसने उनको अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलवाई. अरुंधति रे से पहले के दौर के भारतीय अंग्रेजी लेखकों में उनको सबसे संभावनाशील लेखकों में माना जाता था. बाद में …
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