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नश्तर खानकाही की चार ग़ज़लें

नश्तर ख़ानकाही की शायरी में फ़कीराना रक्स है। कुछ-कुछ लोकगीतों की सी छंद, खयाल की सादगी। हिन्दी में उनकी ग़ज़लें हो सकती है पहले यदा-कदा कहीं छपी हो। इस गुमनाम शायर की चुनिंदा ग़ज़लें पढ़िए और खयालों में खो जाइए- =============================== 1. धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र …

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फेसबुक पर फर्जी काशीनाथ सिंह

कल दोपहर बाद हम युवा लेखकों को बड़ा सुखद आश्चर्य हुआ जब हमने वरिष्ठ लेखक काशीनाथ सिंह का फेसबुक पर दोस्ती का रिक्वेस्ट देखा। यही नहीं हिन्दी में फेसबुक पर टाइप करने के संबंध में उन्होंने सुझाव भी मांगे थे। शायद ही कोई युवा लेखक रहा हो जिसकी तरफ उन्होंने …

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ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़लें

ज्ञान प्रकाश विवेक हिन्दी के उन चंद शायरों में शुमार किए जाते हैं जिनमें उर्दू शायरी की रवानी भी है और हिन्दी कविता की सामाजिकता पक्षधरता भी। एक जमाने में जब कमलेश्वर लिंक ग्रुप की पत्रिका गंगा का संपादन कर रहे थे तो उन्होंने पत्रिका के संपादकीय में ज्ञान प्रकाश …

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