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प्रकाश के रे की कविताएँ

कविता को हृदय का उद्घोष माना गया है। लेकिन कवि आज के दौर में घोषित रूप से निकृष्ट व्यक्ति है और कविता साहित्य के निचले पायदान पर सिसकियाँ भरती है। कविताओं का मूल्य संसार की तुच्छतम वस्तुओं से भी हीन है। कविताएँ अब क्रांति कर पाने में सक्षम नहीं हैं। …

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जब अंग्रेजी के लेखक विक्रम सेठ ने ‘हनुमान चालीसा’ का अंग्रेजी अनुवाद किया

सुधीश पचौरी का यह लेख बहुत पुराना है लेकिन आज भी प्रासंगिक है. सन्दर्भ है अंग्रेजी के जाने माने लेखक द्वारा हनुमान चालीसा का अनुवाद- मॉडरेटर ===================== “एक अपनी हिंदी है, जो इतनी सेकुलर हो चली है कि अगर आज कोई हिंदी वाला ‘हनुमान’ का नाम लेता, तो कम्युनल कहलाता। …

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मन्नू भंडारी का रचना पाठ सुनने का एक दुर्लभ मौका मत चूकिए

‘मुक्तांगन’ का यह तीसरा आयोजन है. दिल्ली के केन्द्रों में आयोजित होने वाले एक से आयोजनों की ऊब को दूर करने के उद्देश्य से बिजवासन के उषा फार्म्स में शुरू किया गया यह आयोजन अपनी स्थायी जगह बनाता जा रहा है. हर महीने इसका इन्तजार रहता है… कि इस बार …

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