इस साल एक महत्वपूर्ण किताब आई यतींद्र मिश्र की लिखी ‘गुलज़ार साब: हज़ार राहें मुड़ …
Read More »प्रकाश के रे की कविताएँ
कविता को हृदय का उद्घोष माना गया है। लेकिन कवि आज के दौर में घोषित रूप से निकृष्ट व्यक्ति है और कविता साहित्य के निचले पायदान पर सिसकियाँ भरती है। कविताओं का मूल्य संसार की तुच्छतम वस्तुओं से भी हीन है। कविताएँ अब क्रांति कर पाने में सक्षम नहीं हैं। …
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