जानकी पुल – A Bridge of World's Literature.

Yaad Sheher with Neelesh Misra … यह हिंदुस्‍तान के हिंदी भाषी युवा लोगों का पसंदीदा रेडियो शो है। यह शो हिन्दुस्तान के लाखों-करोड़ों विस्थापितों की यादों का शहर है, वह शहर जहां से एक दिन वे झोला उठाकर निकल पड़े थे. उसकी छोटी-छोटी बातें, छोटी-छोटी यादें बहुत खूबसूरती से सुनाते हैं नीलेश मिश्रा. खुशखबरी यह है किYatra Books और Westland Books ने उन कहानियों को दो हिस्‍सों में छाप दिया है। उसी किताब का एक छोटा सा अंश आज आपसे साझा कर रहा हूँ- जानकी पुल.
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मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं कि अगर फेसबुक ना होता तो क्या होता?
है ना ये मज़ेदार? मेरे जैसे करोड़ों लोगों की दुनिया है ये। जैसे ही असली दुनिया ने ज़रा-सा एटीट्‌यूड दिखाया कि हम इंटरनेट के महासागर में छलांग लगा देते हैं। कितना चमकीला है ये फेसबुक शहर! हज़ारों चेहरे। कुछ देखे, कुछ अनदेखे। जैसे एक बड़े-से मैदान में लाखों लोग एक साथ खड़े हों, कोहनी से कोहनी सटाए, और अचानक कोई भी पलटकर किसी भी अजनबी की ओर हाथ बढ़ा सकता हो। दोस्ती का हाथ। हो गई फ्रैंड रिक्वेस्ट। और लाखों लोगों की इस भीड़ में जिसने जब मन चाहा, चिल्लाकर जो भी कह दिया, बन गया स्टेट्‌स मेसेज।
और फिर दर्ज़नों अनजान, बेनाम लोगों के पार देखा तो कोई पुराना यार अचानक मिल गया, जिसने कहा, ”अरे इतने साल तुम कहां थे?” एक सैकंड में मुझे उसकी ज़िंदगी का ख़ाका मिल गया। वो क्या करता है… कहां रहता है… उसके परिवार के लोगों का नाम क्या है… वो गर्मी की छुट्टियों में कहां गया था और कौन-सी तस्वीरें खिंचवाई थीं। बरसों की रिपोर्ट, एक सैकंड में मिल जाती है।
दूसरी जेब में उसके और दोस्तों की लिस्ट होती है। कुछ उसमें पहचान के मिल जाते हैं, कुछ से दोस्ती हो जाती है। पता लगा, लाखों की भीड़ के बीच में रोज़ दोस्तों की मंडली बैठी रहती है।
कैसी अजीब मायानगरी है ये? हम क्या कर रहे हैं, किससे बात कर रहे हैं, क्या सोच रहे हैं, ये अक्सर हमारे घरवालों को फेसबुक से पता चलता है। औरों के लिए ये मायानगर जो भी हो, मेरे लिए ये वो चौराहा है, वो कॉलेज हैंगआउट, वो गांव का चबूतरा, वो कॉफ़ीशॉप का अड्डा जहां मैं अपनी ही धुन में मुसाफ़िर, रोज़ दोस्तों से मिलने निकल जाता हूं।
जाने-अनजाने चेहरों के महासागर में मुझे कुछ दिनों पहले एक ऐसा चेहरा मिला जो मेरी ही नहीं, हज़ारों दिलों की धड़कन थी। मेघना ठाकुर… बॉलीवुड का सबसे उभरता सितारा, और आप यक़ीन नहीं मानेंगे, मेरे कॉलेज की क्लासमेट, जो कभी सारे कॉलेज की धड़कन थी…
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6 Comments

  1. बहुत सच्ची तस्वीर खींच दी है इस फेसबुक रूपी मायानगरी की…|

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  3. Po wyłączeniu większości telefonów komórkowych zniesione zostanie ograniczenie dotyczące wprowadzania nieprawidłowego hasła.W tym momencie można wejść do systemu poprzez odcisk palca, rozpoznawanie twarzy itp.

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