गरिमा श्रीवास्तव ने बहुत लिखा है। बहुत महत्वपूर्ण अकादमिक लेखन किया है। लेकिन उनकी किताब ‘देह ही देश’ का अलग…
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मनोज रुपड़ा हमारे दौर के बड़े विजन वाले लेखक हैं। उनके उपन्यास ‘काले अध्याय’ के बारे में हाल में वरिष्ठ…
यह किसी भी रचना की महत्ता होती है कि वह पाठक को कितने समय तक और किस तरह से अपने…
मार्कस ऑरेलियस की प्रसिद्ध किताब मेडिटेशंस का हिन्दी अनुवाद आया है पेंगुइन स्वदेश से। पहली शताब्दी में वे रोम के…
वरिष्ठ कवि लाल्टू के कविता संग्रह ‘दिन भर क्या किया’ पर यह टिप्पणी लिखी है प्रवीण प्रणव ने। प्रवीण माइक्रोसॉफ़्ट…
वीरेंद्र प्रताप यादव के उपन्यास ‘नीला कॉर्नफ्लावर’ की समीक्षा लिखी है डॉ. अपर्णा दीक्षित ने। आधार प्रकाशन से प्रकाशित इस…
आज पढ़िए युवा लेखक शहादत के कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’ की समीक्षा। लिखा है वैभव शर्मा ने। संग्रह का…
यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘गुलज़ार सा’ब: हज़ार राहें मुड़ के देखीं’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि-लेखक यतीश कुमार ने।…
आज पढ़िए कवयित्री जसिंता केरकेट्टा के कविता संग्रह ‘ईश्वर और बाज़ार’ पर अपूर्वा बनर्जी की टिप्पणी। यह संग्रह राजकमल प्रकाशन…
सल्तनतकालीन किरदार मलिक काफ़ूर पर युगल जोशी का उपन्यास आया है ‘अग्निकाल’। पेंगुइन से प्रकाशित इस उपन्यास की समीक्षा लिखी…