आज पढ़िए प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी वाणी त्रिपाठी के स्तंभ ‘जनहित में जारी सब पर भारी’ की अगली किस्त- मॉडरेटर ===================== हमारी…
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हिन्दी लेखकों की वर्तमान दशा-दिशा पर यह टिप्पणी लिखी है संस्कृतिकर्मी-सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रास्था ने, जो अपना राजनीतिक परामर्श उद्यम चलाती…
जेनेरेटिव एआइ ने समाज के सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रभाव डाला है। चिकित्सा विज्ञान, विधि, फाइनेंस, कला, चलचित्र, मैन्युफैक्चरिंग से…
कुबेरनाथ राय हिन्दी के प्रसिद्ध निबंधकार रहे हैं। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों ‘रस आखेटक’ और ‘प्रिया नीलकंठी’ के बहाने या लेख…
कल हम लोगों ने जानकी पुल पर लकी राजीव की एक कहानी पढ़ी ‘शर्बत’ जिसके केंद्र में मातृत्व था आज…
प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी वाणी त्रिपाठी ने अपने कॉलम ‘जनहित में जारी सब पर भारी’ में इस बार स्टूडियो घिबली और चैट…
लेखक-कवि विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर यह टिप्पणी लिखी है अमेरिका प्रवासी प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक अमितावा कुमार…
महान रोमांटिक कवि पी बी शेली की कविताओं पर यह लेख लिखा है युवा कवि अंचित ने। आप भी पढ़…
कुमाऊँ की होली ख़ास होती है। जब तक मेरे गुरु मनोहर श्याम जोशी जीवित थे कुमाऊँ की होली का रंग…
स्मिता सुंदरम एक शिक्षिका, शोधकर्ता और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, जो *सस्टेनेबिलिटी, कार्बन डाइऑक्साइड बायो-सीक्वेस्ट्रेशन, और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली* पर कार्य…