ज्यामिति: संवेदना और साहस से उपजी कविताएँ
शांति नायर के कविता संग्रह ‘ज्यामिति’ पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है जानी-मानी कवयित्री सुमन केशरी ने।…
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‘मृत्यु कविताएँ’ : कृति से साक्षात्कार
अरुण देव समकालीन कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। इसी साल उनका कविता संग्रह आया है ‘मृत्यु कविताएँ’।…
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अम्बर पाण्डेय का ‘मतलब हिन्दू’ या मतलबी हिंदू
अम्बर पाण्डेय का उपन्यास ‘मतलब हिंदू’ जब से प्रकाशित हुआ है तभी से इसको लेकर चर्चा हो…
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बोधिसत्व के कविता संग्रह ‘अयोध्या में कालपुरुष’ की समीक्षा
बोधिसत्व के नवीनतम काव्य संग्रह ‘अयोध्या में कालपुरुष’ पर संजय जायसवाल की यह समीक्षा प्रस्तुत है –…
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प्रतिबद्धता की एक अलहदा भाषा का सृजन करता उपन्यास ‘ख़लल’
वरिष्ठ लेखक संतोष दीक्षित का नया उपन्यास ‘ख़लल’ सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। समकालीन समय के…
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अशोक कुमार पांडेय के कविता संग्रह पर पवन करण की टिप्पणी
बरसों बाद अशोक कुमार पांडेय का कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘आवाज़-बेआवाज़’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस…
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पिराउद’ के बहाने के कुछ बातें
आज पढ़िए वरिष्ठ लेखक उदयन वाजपेयी के कहानी संग्रह ‘पिराउद’ पर यह टिप्पणी। लिखा है कुमारी रोहिणी…
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मौलिकता, प्रासंगिकता और इतिहास कसौटी पर ‘मतलब हिन्दू’
आज पढ़िए अम्बर पाण्डेय के उपन्यास ‘मतलब हिन्दू’ पर यह टिप्पणी। लिखा है डॉ कुमारी रोहिणी ने।…
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पुस्तक समीक्षा: काँच की गेंद में सपने
हाल ही में प्रीति जायसवाल का पहला काव्य संग्रह ‘काँच की गेंद में सपने’ प्रकाशित हुआ है।…
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