गगन गिल की कविताएँ : स्त्री के भीतर स्त्री की तलाश
अम्बुज पाण्डेय अपनी आलोचना और टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। गगन गिल की कविताओं पर उनका…
continue reading..
आहोपुरुषिका – सनातन विचार मेँ विवाह
वागीश शुक्ल अपने अद्वितीय निबन्धों, टीकाओं और अपने लिखे जा रहे उपन्यास के लिए प्रसिद्ध हैं। वे…
continue reading..
सूखा बरगद : धार्मिक कट्टरता के बीच उम्मीद की एक किरण
कुछ कृतियों की प्रासंगिकता लंबे समय तक बनी रहती है। ऐसी ही एक कृति मंज़ूर एहतेशाम…
continue reading..
नन्द चतुर्वेदी रचनावली पर प्रणव प्रियदर्शी की टिप्पणी
हाल में ही राजकमल प्रकाशन से नन्द चतुर्वेदी की रचनावली प्रकाशित हुई है। चार खंडों में प्रकाशित…
continue reading..
मस्ट रीड है ‘देह ही देश’
गरिमा श्रीवास्तव ने बहुत लिखा है। बहुत महत्वपूर्ण अकादमिक लेखन किया है। लेकिन उनकी किताब ‘देह ही…
continue reading..
मनोज रुपड़ा के उपन्यास ‘काले अध्याय’ पर यतीश कुमार
मनोज रुपड़ा हमारे दौर के बड़े विजन वाले लेखक हैं। उनके उपन्यास ‘काले अध्याय’ के बारे में…
continue reading..
एक रोमन सम्राट जो दार्शनिक के रूप में याद किया जाता है!
मार्कस ऑरेलियस की प्रसिद्ध किताब मेडिटेशंस का हिन्दी अनुवाद आया है पेंगुइन स्वदेश से। पहली शताब्दी में…
continue reading..
संभावनाओं के बीज बाँटता कवि – लाल्टू
वरिष्ठ कवि लाल्टू के कविता संग्रह ‘दिन भर क्या किया’ पर यह टिप्पणी लिखी है प्रवीण प्रणव…
continue reading..