बाल साहित्य मेँ आज हम पढ़ते हैँ सुप्रसिद्ध कवि प्रभात की कहानी ‘चींटी की तबीयत’।
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चींटी की तबीयत
चींटी की तबीयत खराब हो गई। उसे शक्कर का एक दाना तोड़कर खाने को दिया। पर उससे खाया न गया। फिर सूजी का एक दाना दिया। वह भी रखा ही रहा।
बछड़ा, बछेरा और मेमना उसके दोस्त थे। वे उससे मिलने गए।
चींटी पहाड़ पर एक खण्डहर की टूटी दीवार में रहती थी। चींटी के दोस्तों ने पहाड़ चढ़ा। वे चढ़ाई में जगह-जगह गिर पड़ रहे थे। गिरते तो गाते-
गिरे तो गिरे
पर लग क्यों गई
हमारी तो जान ही निकल गई।
खण्डहर में पहुँचे। चींटी टूटी दीवार के सुराख में लेटी थी। उसके दोस्तों ने दीवार पर चढ़ने की काफी कोशिश की पर वे चढ़ नहीं सके। कल फिर आएँगे। उन्होंने तय किया। लौटते वक्त तीनों पहाड़ी ढ़लान में फिसल कर लुढ़क गए। लुढ़कते-पुड़कते गए तो दो मिनट में ही नीचे पहुँच गए। मेमने के कान में चोट लगी। बछेरे का घुटना फूट गया। बछड़े के पाँव में मोच आ गई। तीनों बीमार की तरह पशुबाड़े में पड़े थे।
उधर चींटी की तबीयत ठीक हो गई। वह अपने दोस्तों से मिलने आई। तीनों पड़े-पड़े कराह रहे थे-
गिरे तो गिरे
पर लग क्यों गई
हमारी तो जान ही निकल गई।
चींटी ने पूछा-‘मगर तुम्हें चोट कैसे लग गई प्यारे दोस्तो। वह भी तीनों को एक साथ।’
अब वे क्या बताते। उन्होंने इतना ही कहा-‘तुम्हारी तबीयत ठीक हो गई। हमें बहुत खुशी हुई। अब कभी बीमार मत पड़ना।’
प्रभात
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प्रभात
1972 की बारिशों में राजस्थान में करौली जिले के रायसना गाँव में जन्म। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से हिन्दी साहित्य में एमए के बाद शिक्षा के क्षेत्र में तीन वर्ष नियमित काम। 2006 से आज तक शिक्षा और लोक साहित्य के क्षेत्र में स्वतंत्र कार्य।
कई लोकभाषाओं में स्थानीय स्तर पर समुदायों के साथ काम करते हुए बच्चों के लिए पचास से अधिक किताबों का सम्पादन-पुनर्लेखन।
एकलव्य, जुगनू, एनबीटी, रूम टू रीड, लोकायत आदि प्रकाशनों से बच्चों के लिए पानियों की गाड़ियों में, बंजारा नमक लाया, कालीबाई, रफ्तार खान का स्कूटर, साइकिल पर था कव्वा, घुमंतुओं का डेरा, अमिया, ऊँट का फूल, कैसा-कैसा खाना, लाइटनिंग, पेड़ों की अम्मां, आओ भाई खिल्लू आदि तीस से अधिक किताबें प्रकाशित।
‘अपनों में नहीं रह पाने का गीत’ (कविता संग्रह) साहित्य अकादमी, नई दिल्ली से और ‘जीवन के दिन’ (कविता संग्रह) राजकमल से प्रकाशित। कहानीकार डॉ. सत्यनारायण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित मोनोग्राफ राजस्थान साहित्य अकादमी से प्रकाशित।
मैथिली, मराठी, अंग्रेजी आदि भाषाओं में कविताओं के अनुवाद। आकाशवाणी, दूरदर्शन से समय-समय पर कविताएं प्रसारित। विभिन्न पाठ्यक्रमों में कविताएँ, कहानी और नाटक शामिल।
युवा कविता समय सम्मान, 2012
सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार, 2010
बिग लिटिल बुक अवार्ड, 2019
सम्पर्क:
प्रभात,
205, जनकपुरी, ईदगाह के पीछे,
नीमली रोड, सवाईमाधोपुर, राजस्थान 322001
1 Comment
बहुत प्यारी रोचक कहानी! रोचकता के साथ-साथ कहानी में एक संदेश भी छुपा है कि जो चढ़ाई एक नन्हीं चींटी चढ़ सकती है वह बड़ो-बड़ों के लिए असंभव है!