मनीषा कुलश्रेष्ठ हमारी भाषा की एक ऐसी लेखिका हैं जिनको पाठकों और आलोचकों की प्रशंसा समान रूप से मिली हैं. उनकी एक नई कहानी, जो हाल में ही एक समाचार पत्रिका ‘आउटलुक’ में छपी थी- जानकी पुल.
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इस बार वह इस मसले पर एकदम गंभीर थी. दिन भी बरसता – भीगता सा था. मौसम के इस रंग के मायने अब सिफ़र के सिवा कुछ निकलते नहीं थे. दर्द भी अपनी हदें तोड़ कर, ब्रेन वायरिंग में शॉर्टसर्किट कर चुका था. अकेलेपन की इंतहां हो चुकी थी. सुबह – सुबहउसे इसी दुनिया में, इसीदेश के, इसी शहर में, इसीइलाके के इस बोसीदा घर के रंग उड़े गुलाबी पर्दों वाले कोने में, किताबों के ढेर और रात भर से चलते हुए टीवी के साथनितांत अकेले उठना है. इस तरह वह शायद एक हज़ार तीसवीं बार सोकर उठी थी. पेट के निचले हिस्से में तीन साल पुराने दर्द के साथ, मर चुकी भूख के साथ, और सूजे एनीमिक चेहरे और पफ़ी आँखों के साथ, उखड़ीनेल पॉलिश और कच्चे माखूनों के साथ.
आज वह तैयार थी, यह भावनात्मक ब्लैकमेलिंग या एक गुस्से में भरा आवेश नहीं था. यह ज़रूरत थी. हाँ, आज आत्महत्या उसकी ज़रूरत थी. उसके हिसाब से, पहले जैसा कुछ भी नहीं रहा था, सब कुछ समाप्त हो चुका था. जीने की इच्छा, नींद, आँखों में कभी – कभीउगने वाले सपने, खुदऔर खुदा पर भरोसा, पुरुषों केmanisha kulshreshth
10 Comments
एक आईडिया को कहानी में बदल डालने का आईडिया इस कहानी को फोर्मुले में बदल देता है. कहानी पंचतंत्र की तरह बन जाती है .बच्चो के कहानी के रूप में जो बात पंचतंत्र के लिए बहुत बड़ा गुण है वही इस कहानी के लिए बुरी साबित हुई है और इसे सरिता में छपने लायक बना गयी है .आउटलुक में तो सचमुच छप चुकी है .कहानी में एक उपदेश देना है .इसके लिए कहानी गढ़ी गई है जबरदस्ती ,इसमें कहानी का कलेवर फट चिट गया है .सपाट और उपदेशात्मक होने के कारण इसमें कहानी कला का अनावश्यक क्षरण हुआ है .ज्यादा क्या कहा जाये ? बस इतना कि इस कहानी को पढ़ के एक बात का फायदा हुआ है .मई भी एक उपाय बता सकती हूँ आत्मा हत्या का .मगर यह बेशक पैनलेस नहीं है . ख़ुदकुशी करने के लिए इस कहानी का तीन बार पाठ किया जा सकता है .मरने की गारंटी है .अगर बोरियत से नहीं मरे तो नसीहत से जरुर मर जायेंगे .वैसे आत्महत्या कानून जुर्म है .पोलिस के प्रचार के लिए यह कहानी काम की है .मेट्रो में जो आत्महत्या के विरुद्ध पुलिस के विज्ञापन आते हैं .वहां इसका नाट्य रूपांतरण काम का हो सकता है .
उम्दा
बधाई ब्लॉगर मित्र ..सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगों की सूची में आपका ब्लॉग भी शामिल है |
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एक अलग ट्रीट्मेंट के साथ निराशा से आशा की ओर ले जाती कहानी है।
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