ब्लॉग पर्वत पर्वत धारा फूटे लोहा मोम सा गले रे साथीBy August 21, 2011172 गोरख पांडे क्रांति के कवि थे. आज जनांदोलन के इस दौर में उनकी कुछ कविताएँ ध्यान आईं. आप भी पढ़िए-…