राकेश श्रीमाल की कविताएँ ‘हिय आँखिन प्रेम की पीर तकी’ के मुहावरे में होती हैं. कोमल शब्द, कोमल भावनाएं, जीवन-प्रसंग-…
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आज राकेश श्रीमाल की कविताएँ. संवेदनहीन होते जाते समय में उनकी कविताओं की सूक्ष्म संवेदनाएं हमें अपने आश्वस्त करती हैं…