आज वंदना शुक्ल की कविताएँ- जानकी पुल. (१)भ्रम बहुत ऊँचाइ पे बैठी कोई खिड़की बुहार देती हैं उन सपनों को जो…
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वंदना शुक्ल की कविताएँ बिना किसी भूमिका के. ये कविताएँ खुद अपनी भूमिका हैं और परिचय भी. गहरी संवेदना की…
शास्त्रीय /उप शास्त्रीय संगीत के अंगों में जीवन रहस्य तलाशती वंदना शुक्ल की इन कविताओं की प्रकृति काफी अलग है.…