जानकी पुल – A Bridge of World's Literature.

कल पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों पर भारत ने हवाई हमला किया तो जाने-माने लेखक संजीव पालीवाल को आतंकवाद से लड़ने वाले जासूस किरदारों की याद आई। ऐसा ही एक किरदार है गैब्रियल एलन। आइये आज संजीव पालीवाल के स्तंभ ‘किताबी बात’ की अगली कड़ी में पढ़ते उसी जासूस के बारे में जिससे बड़े-बड़े आतंकवादी ख़ौफ़ खाते हैं।क्या भारतीय पाठकों को भी एक गेब्रियल एलन की ज़रूरत है? पढ़िए- मॉडरेटर 

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आप सोच रहे होंगे कि ये क्या है। दरअसल इस वक्त देश पहलगाम में 25 लोगों की हत्या से दुखी है। भारत ने पाकिस्तान में इस्लामिक आतंकवादियों के ठिकानो पर स्ट्राईक की है। ऑपरेशन सिंदूर लांच किया। इस संदर्भ में क्यों न एक ऐसे उपन्यासकार की चर्चा की जाये जो अपने आप में अनोखा है। मैं उनकी राजनीति से सहमत हूं या नही हूं, ये अलग बात है लेकिन उनके किरदार और प्लाट से बेहद प्रभावित हूं।

अमेरिकी लेखक हैं डैनियल सिल्वा। उनके उपन्यासों का हीरो है गैब्रियल एलन। एक ऐसा किरदार जो जासूसी, कला, और इंसानी जज्बातों का अनोखा मिश्रण है। वो सिर्फ एक जासूस या हत्यारा नहीं, बल्कि एक ऐसा इंसान है जिसके दुख, कमजोरियाँ, और ताकत उसे बेहद रियल और रिलेटेबल बनाते हैं। 

गैब्रियल एलन, डैनियल सिल्वा की सबसे मशहूर गैब्रियल एलन सीरीज़ का नायक है, जो 20 से ज्यादा उपन्यासों में नजर आता है। वो एक इजरायली जासूस, हत्यारा, और Art Restorer है। लेकिन ये तीनों पहचानें मिलकर उसे एक ऐसा किरदार बनाती हैं, जो न तो पूरी तरह हीरो है, न विलेन- वो बस एक इंसान है, जो अपनी ड्यूटी और अपने अतीत के बोझ तले जूझ रहा है।

गैब्रियल एक सब्रा है, यानी इजरायल में जन्मा यहूदी। उसकी जड़ें यूरोप से जुड़ी हैं, और उसकी माँ एक होलोकॉस्ट सर्वाइवर थी, जिसका दर्द गैब्रियल के व्यक्तित्व में झलकता है। 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में फिलिस्तीनी आतंकियों ने इजरायली एथलीटों की हत्या कर दी थी। इस घटना ने गैब्रियल को हिला दिया। इजरायली खुफिया सेवा मोसाद (जिसे सिल्वा की किताबों में “द ऑफिस” कहा जाता है) नेउसे ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड के लिए चुना। इस मिशन में गैब्रियल ने म्यूनिख नरसंहार के जिम्मेदार आतंकियों को एक-एक कर खत्म किया। यहीं से उसकी जिंदगी बदल गई।

गैब्रियल ने जेरूसलम के बेजालेल एकेडमी ऑफ आर्ट में पढ़ाई की और बाद में वेनिस में कला बहाली सीखी। वो पुरानी मास्टर पेंटिंग्स को ठीक करने में माहिर है, जो उसकी संवेदनशील और रचनात्मक आत्मा को दिखाता है। सिल्वा यहां हमें माईकेल एंजेलो, करावाजियो, मोने, रैम्ब्रांट और न जाने कितने पेंटर और उनकी कला की बारीकियों से परिचय कराता है।

गैब्रियल का एक चेहरा है जासूस और हत्यारे का, ऐसा चेहरा जो बिना पलक झपकाए दुश्मनों को खत्म कर सकता है। दूसरा चेहरा है एक कलाकार का, जो पुरानी पेंटिंग्स को नई जिंदगी देता है। ये दोहरी जिंदगी उसे यूनिक बनाती है। वो हिंसा की दुनिया में है, लेकिन कला के जरिए सुकून ढूंढता है।

मिसाल के तौर पर, The English Assassin में वो एक पेंटिंग रिस्टोर कर रहा होता है, लेकिन उसे बीच में ही मिशन के लिए बुला लिया जाता है। ये टकराव उसकी जिंदगी का कोर है।

गैब्रियल की जिंदगी में ढेर सारा दुख है। 1990 के दशक में एक आतंकी हमले में उसकी पत्नी लिया बुरी तरह जख्मी हो गई और उसका बेटा डैनियल मर गया। लिया अब एक मेंटल इंस्टीट्यूट में है, और गैब्रियल इस गम को कभी भुला नहीं पाता।

ये निजी त्रासदी उसे भावनात्मक गहराई देती है। वो बाहर से सख्त दिखता है, लेकिन अंदर से वो अपने गम और गिल्ट से जूझ रहा है। The Kill Artist और The Messenger में उसका ये दुख बार-बार उभरता है।

ये विडम्बना ही कही जायेगी कि गैब्रियल को हिंसा से नफरत है। वो बार-बार जासूसी की दुनिया छोड़कर सिर्फ Art Restore करना चाहता है, लेकिन उसका बॉस अरी शमरॉन उसे हर बार वापस खींच लेता है। गैब्रियल अक्सर सोचता है कि क्या उसकी हत्याएँ सही हैं? क्या वो वाकई इजरायल को बचा रहा है, या बस हिंसा का चक्र बढ़ा रहा है? The Messenger में वो एक आतंकी को मारने के बाद खुद से सवाल करता है कि क्या उसका काम दुनिया को बेहतर बना रहा है। ये नैतिक जटिलता उसे जेम्स बॉन्ड जैसे सुपरहीरो से अलग करती है।

गैब्रियल कई भाषाएँ बोलता है—हिब्रू, अरबी, जर्मन, फ्रेंच, इटैलियन, और अंग्रेजी। वो छद्म रूप (disguises) में माहिर है और जासूसी की दुनिया में उसकी गिनती टॉप एजेंट्स में होती है। उसकी फोटोग्राफिक मेमोरी है, जो उसे छोटी-छोटी डिटेल्स याद रखने में मदद करती है। The Rembrandt Affair में वो एक पेंटिंग की डिटेल्स से साज़िश का पर्दाफाश करता है।

वो मार्शल आर्ट्स और हथियारों का एक्सपर्ट है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी ताकत है उसका दिमाग। वो साज़िशों को सुलझाने में उस्ताद है।

गैब्रियल इजरायल और अपने मेंटर अरी शमरॉन के प्रति बेहद वफादार है। लेकिन निजी रिश्तों में वो दूरी बनाए रखता है, क्योंकि उसे डर है कि उसके करीबी खतरे में पड़ सकते हैं। बाद की किताबों (Portrait of a Spy से) में वो कियारा से शादी करता है, जो एक इटैलियन जासूस है। कियारा उसकी जिंदगी में स्थिरता लाती है, लेकिन गैब्रियल का अतीत उसे पूरी तरह खुश नहीं होने देता। दोस्तों में क्रिस्टोफर केलर (ब्रिटिश हत्यारा) और एली लवोन (इजरायली पुरातत्वविद्) जैसे किरदार गैब्रियल के लिए परिवार की तरह हैं।

लेकिन गैब्रियल परफेक्ट नहीं है। वो गुस्सैल हो सकता है, खासकर जब बात इजरायल की सुरक्षा की हो। उसका गिल्ट और अकेलापन उसे कई बार कमजोर करता है।

The Black Widow में वो एक मिशन के दौरान गलती करता है, जो कई जिंदगियाँ खतरे में डाल देती है। ये दिखाता है कि वो कोई सुपरमैन नहीं, बल्कि एक इंसान है जो गलतियाँ कर सकता है।

सीरीज़ की शुरुआत (The Kill Artist, 2000) में गैब्रियल एक टूटा हुआ, रिटायर्ड जासूस है, जो Art Restoration में सुकून ढूंढ रहा है। लेकिन जैसे-जैसे सीरीज़ आगे बढ़ती है (The Messenger, The Black Widow, The New Girl), वो एक लीडर बनता है। बाद की किताबों में वो “द ऑफिस” का चीफ बन जाता है, लेकिन उसका कोर वही रहता है—एक ऐसा शख्स जो हिंसा से नफरत करता है, लेकिन अपने देश के लिए लड़ता है।

उसका किरदार समय के साथ और गहरा होता है। मिसाल के तौर पर, House of Spies में वो पिता बनता है, जिससे उसकी जिंदगी में नया आयाम जुड़ता है। लेकिन हर किताब में उसका अतीत उसे haunt करता है, जो उसे एक ट्रैजिक हीरो बनाता है।

गैब्रियल एलन इसलिए पॉपुलर है, क्योंकि वो रियल लगता है। वो कोई चमकता-दमकता जासूस नहीं, जो हर बार आसानी से जीत जाए। उसकी जिंदगी में दुख, गिल्ट, और नैतिक सवाल हैं, जो उसे रिलेटेबल बनाते हैं। उसका कला से प्यार और हिंसा से नफरत उसे जटिल बनाती है। पाठक उसे सिर्फ एक जासूस के तौर पर नहीं, बल्कि एक इंसान के तौर पर देखते हैं, जो अपने देश और अपने दिल की लड़ाई लड़ रहा है।

डैनियल सिल्वा की किताबों, खासकर गैब्रियल एलन सीरीज़, में इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की लड़ाई एक सेंट्रल थीम है। The Kill Artist, The Messenger, The Black Widow जैसी किताबों में गैब्रियल अल-कायदा, ISIS, और फिलिस्तीनी आतंकी ग्रुप्स जैसे हमास और ब्लैक सितंबर से जूझता है। सिल्वा इस जंग को एक जासूस की नजर से दिखाते हैं, लेकिन उनकी कहानियाँ असल दुनिया की जटिलताओं को भी छूती हैं।

सिल्वा की किताबों में इजरायल एक छोटा, लेकिन ताकतवर देश है, जो अपने अस्तित्व के लिए लगातार लड़ रहा है। आतंकी संगठन, जैसे अल-कायदा (The Messenger) या ISIS (The Black Widow), इजरायल और पश्चिमी दुनिया को निशाना बनाते हैं। गैब्रियल इन साज़िशों को नाकाम करता है, लेकिन हर मिशन में उसे भारी कीमत चुकानी पड़ती है—चाहे वो निजी नुकसान हो या नैतिक सवाल।

सिल्वा आतंकवाद को एक जटिल समस्या के तौर पर दिखाते हैं। उनके आतंकी किरदार सिर्फ “बुरे लोग” नहीं हैं; उनके पास मोटिवेशन, बैकग्राउंड, और स्ट्रैटेजी होती है। मिसाल के तौर पर, The Messenger में आतंकी अहमद बिन शफीक एक अमीर, पढ़ा-लिखा, और चालाक शख्स है, जो वैश्विक जिहाद का सपना देखता है।

सिल्वा इजरायल को एक मजबूर देश के तौर पर दिखाते हैं, जो अपनी सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है। गैब्रियल और ‘द ऑफिस’ की हरकतें- जैसे टारगेटेड किलिंग्स- को नैतिक रूप से सही ठहराया जाता है, क्योंकि वो आतंकवाद से बचाव का इकलौता रास्ता मानते हैं। सिल्वा की खूबी ये है कि वो ब्लैक-एंड-व्हाइट नैरेटिव से बचते हैं। गैब्रियल अक्सर अपनी हरकतों पर सवाल उठाता है। The Black Widow में वो ISIS की एक महिला आतंकी को समझने की कोशिश करता है, जिससे आतंकवाद के मानवीय और सामाजिक पहलू उभरते हैं।

इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की जंग एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है, जो दशकों पुराना है। इजरायल 1948 में बना, और तब से वो फिलिस्तीनी ग्रुप्स (जैसे PLO, हमास) और अन्य आतंकी संगठनों (जैसे हिजबुल्लाह) से जूझ रहा है। 1972 का म्यूनिख नरसंहार, 2000 के दशक में दूसरा इंतिफादा, और हाल के हमास हमले (जैसे 7 अक्टूबर 2023) इस जंग के बड़े मोड़ हैं।

सिल्वा की किताबें इस जंग को इजरायली नजरिए से दिखाती हैं, और गैब्रियल एलन का किरदार इस नजरिए का प्रतीक है। एक तरफ, सिल्वा की कहानियाँ इजरायल की मजबूरी को अच्छे से उभारती हैं। आतंकी हमले- जैसे बसों में बम धमाके या रॉकेट अटैक- इजरायली नागरिकों के लिए रोज़ का डर हैं। गैब्रियल जैसे किरदार इस डर और उससे लड़ने की हिम्मत को दिखाते हैं। सिल्वा का रिसर्च और डिटेलिंग इस जंग की गंभीरता को सामने लाता है, जो पाठकों को इजरायल के पक्ष को समझने में मदद करता है। फिलिस्तीन का पक्ष इसमें न के बराबर आता है। राजनीतिक रूप से सहमत न होते हुए भी डैनियल सिल्वा को इसलिये पढ़ा जाना चाहिये क्योंकि उनके किरादर और प्लॉट कमाल के हैं। अगर आप क्राइम फिक्शन के चाहने वाले हैं तो आप उनके मोह से निकल ही नही पाते।  

सिल्वा की किताबें आतंक के खिलाफ जंग को एक रोमांचक जासूसी कहानी के तौर पर पेश करती हैं, और गैब्रियल का किरदार इस जंग की इंसानी कीमत को दिखाता है। लेकिन असल दुनिया में ये जंग कहानियों से कहीं ज्यादा जटिल है। गैब्रियल की तरह, जो अपने मिशन्स के बाद अकेलेपन और गिल्ट से जूझता है, इस जंग के दोनों पक्षों को भी अपने फैसलों की कीमत चुकानी पड़ती है।

आप गैब्रियल एलन के बारे में क्या सोचते हैं? क्या भारतीय पाठकों को भी एक गेब्रियल एलन की ज़रूरत है?

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