बदलाव हमेशा नई उम्मीदों को लेकर आता है. ‘आलोचना’ पत्रिका के नए संपादक के रूप में अपूर्वानंद का नाम सुनकर…
पीयूष दईया समकालीन कविता में सबसे अलग आवाज रखते हैं. सफलता-असफलता के मुहावरों से दूर. उनकी कविताओं को पढना जीवन…
स्पैनिश भाषा के महान लेखक गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ के मरने के बाद हिंदी में कई बहुत अच्छे लेख लिखे गए,…
पिछले सप्ताह कवि-आलोचक, ‘समास’ जैसी कल्पनाशील पत्रिका के संपादक उदयन वाजपेयी का लेख नई सरकार की संस्कृति नीति को लेकर…
मेरे मेल बॉक्स में अनजान पतों से अच्छी-बुरी रचनाएँ आती रहती हैं. जिनको पढ़कर समकालीन सृजनशीलता का अंदाजा लगता है.…
माया एंजेलो को श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी कुछ कविताएं. अनुवाद सरिता शर्मा ने किया है. उनका लिखा एक संक्षिप्त परिचय भी-…
सोद्देश्य सिनेमा को समर्पित फिल्म लेखक, निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास की यह जन्मशताब्दी का साल है. उनकी लेखन-कला, उनकी…
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के बारे में यह आम धारणा है कि वे वैज्ञानिक सोच वाले थे, पूर्ण…
आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के पचास साल हो गए. उनके विचारों, उनके कार्यों को याद…
पवन के. वर्मा की नई पुस्तक आई है ‘भारत का नया मध्य-वर्ग’. इस पुस्तक में उन्होंने भारतीय जनतंत्र में बदलावों…