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निलय उपाध्याय और मुंबई की लोकल

By adminApril 7, 20130

निलय उपाध्याय ठेठ हिंदी के कवि हैं. उनकी कविताओं में वह जीवन्तता है जिससे पता चलता है कि वे जीवन…

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निलय उपाध्याय और मुंबई की लोकल

By April 7, 201312

निलय उपाध्याय ठेठ हिंदी के कवि हैं. उनकी कविताओं में वह जीवन्तता है जिससे पता चलता है कि वे जीवन…

यह उम्मीद है जो हमें बचाए रखती है

By adminApril 4, 20130

प्रियदर्शन मूलतः कवि हैं और हाल के दिनों में कविता में जितने प्रयोग उन्होंने किए हैं शायद ही किसी समकालीन…

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यह उम्मीद है जो हमें बचाए रखती है

By April 4, 201312

प्रियदर्शन मूलतः कवि हैं और हाल के दिनों में कविता में जितने प्रयोग उन्होंने किए हैं शायद ही किसी समकालीन…

इस आयोजन में कई परंपराएं टूटी हैं

By adminApril 3, 20130

हमारे प्रिय लेखक असगर वजाहत ने पटना लिटरेचर फेस्टिवल के बहाने साहित्य और सत्ता के संबंधों को लेकर एक महत्वपूर्ण…

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इस आयोजन में कई परंपराएं टूटी हैं

By April 3, 20131016

हमारे प्रिय लेखक असगर वजाहत ने पटना लिटरेचर फेस्टिवल के बहाने साहित्य और सत्ता के संबंधों को लेकर एक महत्वपूर्ण…

जिसने औपनिवेशिक भाषा को औपनिवेशिक अहंकार से मुक्त करवाया

By adminApril 1, 20130

महान लेखक चिनुआ अचीबे को श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख मैंने यह लेख लिखा था, जो कल \’दैनिक हिन्दुस्तान\’ में…

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जिसने औपनिवेशिक भाषा को औपनिवेशिक अहंकार से मुक्त करवाया

By April 1, 20137

महान लेखक चिनुआ अचीबे को श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख मैंने यह लेख लिखा था, जो कल ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में…

दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो

By adminMarch 31, 20130

पटना लिटरेचर फेस्टिवल में जो लोग शामिल हुए उनके लिए शायर कलीम आजिज़ को सुनना भी एक यादगार अनुभव रहा.…

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दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो

By March 31, 20137

पटना लिटरेचर फेस्टिवल में जो लोग शामिल हुए उनके लिए शायर कलीम आजिज़ को सुनना भी एक यादगार अनुभव रहा.…

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