रामचंद्र गोपाल दादा साहेब तोरणे का नाम इतिहास-निर्माताओं में आना चाहिए था, लेकिन ‘पुंडलीक’ फिल्म के इस निर्माता-निर्देशक के नाम…
अभी इतवार को प्रियदर्शन का लेख आया था, जिसमें गौरव-ज्ञानपीठ प्रकरण को अधिक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने का आग्रह किया…
अभी इतवार को प्रियदर्शन का लेख आया था, जिसमें गौरव-ज्ञानपीठ प्रकरण को अधिक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने का आग्रह किया…
आज सुबह-सुबह युवा और प्रखर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार का यह लेख पढ़ा. साझा तो तभी करना चाहता था लेकिन…
\’कथा\’ पत्रिका का नाम आते ही मार्कंडेय जी याद आते हैं. यह खुशी की बात है कि उनकी मृत्यु के…
‘कथा’ पत्रिका का नाम आते ही मार्कंडेय जी याद आते हैं. यह खुशी की बात है कि उनकी मृत्यु के…
ज्ञानपीठ-गौरव प्रकरण ने हिंदी के कुछ बुनियादी संकटों की ओर इशारा किया है. लेखक-प्रकाशक संबंध, लेखकों की गरिमा, पुरस्कार की…
आज युवा कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताएँ. कुछ खिच्चे अनुभव, कुछ दृश्य, कुछ सच्चाइयां मिथिलेश की कविताओं का वितान…
संजीव कुमार हमारे दौर बेहतरीन गद्यकार हैं. उनका यह वृत्तान्त एक सिनेमा हॉल के बहाने पटना के आधुनिक-उत्तर-आधुनिक होने की…
संजीव कुमार हमारे दौर बेहतरीन गद्यकार हैं. उनका यह वृत्तान्त एक सिनेमा हॉल के बहाने पटना के आधुनिक-उत्तर-आधुनिक होने की…