इस समाज में स्त्री कहाँ सुरक्षित है? घर, बाहर, शिक्षण संस्थान या कोई भी संस्थान, पुलिस स्टेशन, जिसका काम ही…
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संलग्न कविताएँ इस विचार से प्रेरित हैँ कि हिन्दी कविता का समकालीन युग ख़राब कविता के दौर से गुज़र रहा…
आज गुलज़ार साहब 90 साल के हो गये। उनकी कला यात्रा पर यह लेख लिखा है कवि, प्राध्यापक, लोक संस्कृति…
यह बात हम सभी जानते हैं कि एक ही रचना को पढ़ने का अनुभव जीवन के अलग-अलग पड़ाव पर कभी-कभी…
आगामी आठ अगस्त को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला किया आयोजन किया जा रहा…
युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर की हर विषय पर अपनी राय होती है, अपना नज़रिया होता है। यहाँ व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर…
ङगोग़ी वा दिओङओ से रीमो वेरडिक्ट और एमील रूतहूफ्ट की बातचीत एल.ए.आर.बी [Los Angeles Review of Books] की वेबस…
आज पढ़िए अर्चना के शंकर की कहानी ‘गुलाबी साड़ी और दाल’। अर्चना स्वतंत्र लेखन के साथ-साथ अनेक डिजिटल मंच के…
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आज पढिए संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज़ ‘हीरामंडी’ पर जाने माने पत्रकार-चित्रकार रवींद्र व्यास की सम्यक् टिप्पणी। रवींद्र जी…