आज ‘इण्डिया टुडे’ में ‘मैं, स्टीव: मेरा जीवन, मेरी जुबानी’ पुस्तक की मेरे द्वारा लिखी गई समीक्षा प्रकाशित हुई है.…
निलय उपाध्याय को हम सब एक बेहतरीन कवि के रूप में जानते हैं, लेकिन वे एक शानदार गद्यकार हैं. औपन्यासिक…
‘बेस्टसेलर’ को लेकर ये मेरे त्वरित विचार हैं. मैं यह नहीं कहता कि आप मेरी बातों से सहमत हों, लेकिन…
के. विक्रम सिंह साहित्य और सिनेमा के बीच सेतु की तरह थे. ‘उन्होंने ‘तर्पण’ जैसी फिल्म बनाई, ‘जनसत्ता’ और ‘दैनिक…
मनोहर श्याम जोशी के पहले लिखे जा रहे उपन्यास ‘किस्सा पौने चार यार’ का यह अंश आज दैनिक हिन्दुस्तान ने…
एक अच्छी खबर है कि युवा लेखिका ज्योति कुमारी के पहले कहानी संग्रह \’दस्तखत और अन्य कहानियाँ\’ की एक हजार प्रतियाँ…
एक अच्छी खबर है कि युवा लेखिका ज्योति कुमारी के पहले कहानी संग्रह ‘दस्तखत और अन्य कहानियाँ’ की एक हजार प्रतियाँ…
मनोहर श्याम जोशी ने १९६० के दशक में एक उपन्यास लिखना शुरू किया था- ‘किस्सा पौने चार यार’. इस उपन्यास…
सुदीप्ति कम लिखती हैं लेकिन इतने अपनेपन के साथ गद्य का उपयोग कम ही लेखक करते होंगे. अब देखिये न…