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अरुण प्रकाश ऐसे लेखक थे जो युवा लेखकों से नियमित संवाद बनाये रखते थे. इसलिए उनके निधन के बाद युवाओं की टिप्पणियां बड़ी संख्या में आई. आज युवा लेखिका सोनाली सिंह ने उनको याद करते हुए लिखा है- जानकी पुल.========================मुझे याद है जब अरुण जी से मेरी पहली मर्तबा बात हुयी थी तब मैं लखनऊ में थीI १५ अगस्त के दिन गाने सुनते हुए मैं कॉरीडोर में टहल रही थीI \’स्वप्न घर \’ पढ़कर मैंने उन्हें ख़त लिखा थाI इसी सिलसिले में उनका फ़ोन आया थाI फ़ोन पर तक़रीबन दो घंटे हमने कहानियों के बाबत बहस कीI मैं उनके रचनात्मक…

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हाल में ही पेंगुइन बुक्स और यात्रा बुक्स ने हिंदी में प्रसिद्ध लेखक वी.एस.नायपॉल की कई पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित किए हैं. कल के \’जनसत्ता\’ में हिंदी के प्रसिद्ध कवि कमलेश ने नायपॉल की पुस्तक  ‘द मास्क आफ अफ्रीका’ के बहाने नायपॉल पर बहुत सारगर्भित लेख लिखा है. साझा कर रहा हूं- जानकी पुल. =======================================================   विद्याधर शिवप्रसाद नायपॉल के नाम कोई पढ़ा-लिखा भारतीय शायद ही अपरिचित हो। उन्हें न केवल साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, बल्कि कई और बड़े पुरस्कार  मिले। ब्रिटिश सरकार ने उनको ‘नाइटहुड’ से सम्मानित किया। उन्होंने भारत के भी तीन यात्रावृतांत लिखे हैं। भारत की पृष्ठभूमि…

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अरुण प्रकाश की बेमिसाल कहानी \’भैया एक्सप्रेस\’ के बहाने हिंदी कहानी में उनके योगदान को याद कर रहे हों सन्मार्ग- जानकी पुल.====================== अरुण प्रकाश चले गए यूं लगा मानो भैया एक्सप्रैस पंजाब पहुंचने से पहले ही अकस्मात दुघर्टनाग्रस्त हो गया हो। उस पर सवार रामदेव अब कैसे अपने भैया विशुनदेव को खोज कर लाएगा। नवब्याही भौजी कब तक इंतजार करती रहेगी। माई कब तक कनसार में अनाज भूनकर, सत्तू पिसकर पंडितजी से लिए कर्ज का सूद भरती रहेगी। कम से कम मुझे तो यह आशा जरूर थी की अरुण प्रकाश अपने जीवन में ही पुरबियों जिसमें बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार,…

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नीलाभ का यह लेख कुछ गंभीर सवालों की तरफ हमारा ध्यान दिलाता है. हाल में ही भारत के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने लेखकों की रचनाएँ अपनी वेबसाईट पर डालनी शुरु की हैं. नीलाभ ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताया है कि इस क्रम में पारिश्रमिक की कहीं कोई चर्चा नहीं होती. क्या एक बड़े संस्थान के लिए इस तरह की मुफ्तखोरी जायज कही जा सकती है? क्या हिंदी लेखकों की रचनाएँ आभासी दुनिया में आ जाएँ यही उनके ऊपर सबसे बड़ा अहसान होता है? क्या ब्लॉग-वेबसाईट पर कॉपीराइट का कानून नहीं लागू होता? निश्चित रूप से यह लेख…

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शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के जीवन के कुछ प्रसंगों को आधार बनाकर युवा लेखिका विपिन चौधरी ने एक नाटक लिखा है \’सरफरोशी की तमन्ना\’. आपके लिए- जानकी पुल.——————————————————————————–सरफरोशी की तमन्ना ( क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल पर आधारित लघु नाटक ) पात्र परिचय1 रामप्रसाद बिस्मिल 2 बिस्मिल की माताज़ी, मूली देवी 3 बिस्मिल के पिताज़ी, मुरलीधर 4 अशफाकउल्ला खाँ.( राम प्रसाद बिस्मिल के पिताजी और माताजी आपस मे बातें करते हुये)पिताजी- आज का अखबार नहीं मिल रहा. कहीं देखा तुमने ?मूर्ती देवी- सुबह सामने मेज़ के नीचे रखा था मैने, वहीं पर होगा.पिताजी- हाँ, मिल गया वही पर है.( अखबार को देख कर…

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आज एम.एफ. हुसैन की बरसी है. यह लेख मैंने पिछले साल उनके निधन के बाद लिखा था. भारतीय चित्रकला के मिथक पुरुष को याद करते हुए एक बार फिर वही- जानकी पुल.———————————————————————————————एम. एफ. हुसैन की मृत्य की खबर जबसे सुनी तो यही सोचता रहा कि आखिर क्या थे हुसैन! कई अर्थों में वे बहुत बड़े प्रतीक थे. राजनीतिक अर्थों में वे साम्प्रदायिकता-विरोध के जितने बड़े प्रतीक थे, बाद में भगवाधारियों ने उनको उतने ही बड़े सांप्रदायिक प्रतीक में बदल दिया. उनका कहना था कि हुसैन ने एक मुसलमान होते हुए हिन्दू देवियों को नग्न चित्रित किया, भारत माता को नंगा…

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