कुछ लेखक परम्परा निर्वाह करते हुए लिखते हैं, कुछ अपनी परम्परा बनाने के लिए. रवि बुले ऐसे ही लेखक हैं.…
इजरायल के कुछ कवियों की कविताओं के मैंने अनुवाद किये थे. आज उनमें से कुछ ‘दैनिक हिंदुस्तान’ में प्रकाशित हुए…
कुछ कवि ऐसे होते हैं जिनको न ईनाम-इकराम मिलते हैं, न कविगण उनको अपनी जमात का मानते हैं, लेकिन इससे…
प्रेमचंद का यह पत्र सज्जाद ज़हीर के नाम है जिसमें प्रगतिशील लेखक संघ की बातें हो रही हैं. इसे हिंदी…
युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर ने विश्व सिनेमा पर यह श्रृंखला शुरू की है. विश्व सिनेमा को समझने-समझाने की कोशिश में.…
80-90 के दशक में जब दिल्ली विश्वविद्यालय में पढता था तो जिन कथाकारों की कहानियां पढने में आनंद आता था…
शीर्षक से कुछ और मत समझ लीजियेगा. असल में यह एक मारक व्यंग्य लेख है. संजीव कुमार को आलोचक, लेखक…
ब्रेस्ट कैंसर को लेकर हमने पहले भी कई कवितायेँ पढ़ी हैं, उन कविताओं को लेकर लम्बी-लम्बी बहसों की भी आपको…
वाणी प्रकाशन की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर 26 जुलाई को वाणी फाउन्डेशन(न्यास) की स्थापना…
युवा आलोचक राहुल सिंह कई विधाओं में अच्छी दखल रखते हैं, सिनेमा भी उनमें एक है. कुछ अरसे पहले आई…