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‘लप्रेक’ के आरंभिक लेखकों में रहे विनीत कुमार ने कहानी 140 में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और उसके एक विजेताओं में भी रहे. आज उनकी कुछ ट्विटर कहानियां- जानकी पुल.=====================================================1. नहीं, आज रत्तीभर भी अपने भीतर जीके1 लेकर नहीं जाएगी और उसका ढेर सारा यमुना पार लेकर लौटेगी. आज उससे नहीं,खुद से लड़ना है.2. 1 चुटकी मां और ढेर सारी गर्लफ्रैंड की फीलिंग्स से उसने चूमा-माई बेबी,ये तो ठीक है पर तुम कल कहां थी? इस 1 सवाल से बेबी फिर से मर्द हो गया था.3. छोड़ न यार ये ब्रेकअप, शेकअप.अपन दोस्त तो रह ही सकते हैं. नहीं,तुम्हें किसने कह दिया दोस्ती में…

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कहानी 140 प्रतियोगिता में अमितेश कुमार एक ऐसे लेखक रहे जिनको दो दिन पुरस्कार मिला. आज उनकी ट्विटर कहानियां- जानकी पुल.=============================आखिरी दांव भी खाली गया, रिजल्ट से निराश उसने अपने कमरे का मुआयना किया, ये सब लेकर कहां और कैसे ? फ़िर बत्रा के लिये निकल गया =======================================सर प्लेट लाईये ना मोमो निकाला जाए. जुनियर ने दो बार कहा. हां बाबु टाईम से पीएच.डी. ना जमा हो तो सीनियर ही प्लेट लायेगा. ==========================एनएसडी में पढ के क्या मिला? कार रूकती है और एक जुता बाहर निकलता है, उसे यहीं से निकला एक्टर साफ़ करता है, क्या एक्टिंग है! ============================= इस एक्शन का…

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#kahani140 प्रतियोगिता के विजेताओं की कहानियां हम एक-एक करके पेश करेंगे. जितने कहानीकारों ने ट्विटर कहानी की इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया सबकी अपनी अलग शैली थी. २७ जनवरी के विजेता सत्यानन्द निरुपम की कहानियों को ही लीजिए. इनकी आंचलिकता इन्हें विशिष्ट बनाती है- जानकी पुल.=====================================================================माँ जवाब पाए बिना भी चिट्‍ठियाँ भेजती जातीँ, मैँ उनको पढ़े बगैर दराज मेँ रखता जाता. सवाल वही थे, मेरे पास कहने को कुछ न था. #kahani140—————————————————————————लड़का शादी मेँ दहेज नहीँ चाहता! ठीक से पता करो, खानदान मेँ जरुर कोई ऎब है. #kahani140—————–काका ने कहा- देख रहे हो, महतो की बिटिया साइकिल दौड़ाती स्‍कूल भाग…

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वेस्टलैंड-यात्रा बुक्स ने जब कहानी 140 यानी ट्विटर कहानी प्रतियोगिता की घोषणा की तो उम्मीद नहीं थी कि हिंदी के लेखक ऐसा प्रयास करेंगे, लेकिन अनेक लेखकों ने ट्विटर पर कहानी लिखकर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. पहले दिन पुरस्कार पाने वाले लेखकों में युवा लेखक त्रिपुरारि कुमार शर्मा भी थे. उनकी कुछ कहानियां १४० कैरेक्टर्स की. दो दिन अभी भी बचे हैं इस प्रतियोगिता के आप भी संकोच तोडिये और इस नई विधा में कहानी लिखकर प्रतियोगिता का हिस्सा बनें- जानकी पुल.============================================ 1.“क्या तुम वही हो जिसकी मुझे तलाश है?”“तुम्हें क्या लगता है?” वह मुस्कुराया। और दोनों एक दूसरे…

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कल जब मैं गुलजार साहब का लिखा गीत \’जब एक कज़ा से गुजरो तो इक और कज़ा मिल जाती है\’ सुन रहा था कि कवि-आलोचक विष्णु खरे का यह पत्र ईमेल में प्राप्त हुआ. इन दिनों वे स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में प्रवास पर हैं. उन्होंने इस पत्र को प्रकाशित करने के लिए कहा इसलिए आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूं- जानकी पुल.========================================= भाई,अभी स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा के तकनीकी विश्वविद्यालय अतिथि-गृह में ठहरा हुआ हूँ जहां कमरे में इंटरनेट नहीं है – एक साहित्यिक कैफे में बैठकर मेल और ब्लॉग वगैरह देख पाता हूँ।मेरी टिप्पणी को लेकर जो बहुमुखी विवाद छिड़ा हुआ है…

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उम्र से लम्बी सड़कों पर ‘गुलज़ार’ 19 जनवरी की शाम गुलज़ार रही, गुलज़ार के नाम रही। मौक़ा था कवि-चिकित्सक विनोद खेतान लिखित पुस्तक “उम्र से लम्बी सड़कों पर गुलज़ार” के लोकार्पण का। ‘वाणी’ से प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक ने बड़े आत्मीय ढंग से गुलज़ार के फ़िल्मी गीतों की परतों में पोशीदा कविता-तत्व को रेखांकित किया है। \’जानकीपुल\’ के पाठकों के लिए कुछ ऐसे गीत जो कम सुनने को मिले, लेकिन कविता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं : त्रिपुरारि कुमार शर्मा============================================== 1. फ़िल्म : देवताजब एक क़ज़ा से गुज़रो तो इक और क़ज़ा मिल जाती है मरने की घड़ी मिलती…

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वैस्टलैंड बुक्स / यात्रा बुक्स की कहानी 140 योजना को लेकर हमारे पास भी बहुत से लोगों के सवाल आए कि किस तरह से इस योजना का हिस्सा बना जाए? किस तरह से १४० कैरेक्टर्स में कहानी लिखी जाए? वगैरह-वगैरह. ऐसी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए ही हमने यात्रा बुक्स की निदेशिका नीता गुप्ता से बात की- जानकी पुल===========१. क्या आपको लगता है हिंदी में १४० कैरेक्टर्स में कहानी लिखी जा सकती है?मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं! १४० कैरेक्टर्स की समस्या किसी भी भाषा के साथ आ सकती, क्रिएटिविटी ज़रूरी है। २. ट्विटर पर हिंदी वाले कम हैं. ऐसे में…

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वरिष्ठ कवि-आलोचक विष्णु खरे ने कवि चंद्रकांत देवताले को अकादेमी पुरस्कार मिलने पर एक टिप्पणी लिखी थी. उस ‘टिप्पणी में उन्होंने हमारे एक प्रिय और सम्मानित कवि की प्रशंसा के साथ-साथ एक तिरस्कार भाव दिखाते हुए यह भी कहा कि लीलाधर जगूड़ी, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल और अरुण कमल को \”निर्लज्ज षड्‌यंत्रों\’ से अकादेमी पुरस्कार दिया गया जिसे उन्होंने \”मैचिंग बेशर्मी\’ से स्वीकार कर लिया और यह कि वे इसे \”अक्षम्य\’ मानते हैं।‘ इसका प्रतिवाद जानकी पुल को वरिष्ठ कवियों लीलाधर जगूड़ी, राजेश जोशी, वीरेन डंगवाल, मंगलेश डबराल के हस्ताक्षर से प्राप्त हुआ है. हम उसे अविकल प्रस्तुत कर रहे हैं- जानकी पुल.=================================== === कोलकाता से प्रकाशित दैनिक …

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अब जल्दी ही लंबी कहानियां लिखने वाले हिंदी-लेखकों को छोटी-छोटी कहानियां लिखने वाले लेखक चुनौती देने वाले हैं. 24 से २8 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले जयपुर साहित्योत्सव में वैस्टलैंड बुक्स / यात्रा बुक्स की तरफ से कहानी 140 की घोषणा की जाने वाली है. जी हाँ, ट्विटर के लिए 140 अक्षरों की कहानी लेखन की प्रतियोगिता. हिंदी में जिन लोगों ने ‘लप्रेक’ लिखने की शुरुआत की थी उनके लिए भी 140 अक्षरों में कहानी लिखना चुनौतीपूर्ण होगा. बहरहाल, तो अब कहानी 140 अक्षरों की होगी. 140 अक्षरों में अर्थपूर्ण कहानी लिखिए और पुरस्कार पाइए. मैंने तो शुरुआत कर दी है. आप भी…

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अशोक वाजपेयी के जन्मदिन पर जानकी पुल की ओर से शुभकामनाएं. ================================================अशोक वाजपेयी आज 72 साल के हो गए. इस उम्र में भी उनकी सक्रियता नई पीढ़ी के लिए प्रेरणाप्रद है. हर हफ्ते ‘जनसत्ता में प्रकाशित होने वाला उनका स्तंभ निस्संदेह किसी हिंदी लेखक का सबसे अधिक नियमित और सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला कॉलम है. हिंदी के पाठकों के लिए एक तरह से यह कॉलम विश्व साहित्य के झरोखे की तरह है, हालांकि यह कॉलम केवल विश्व साहित्य को लेकर नहीं है. इस स्तंभ के माध्यम से पता चलता है कि वे नियमित तौर पर कितना पढते हैं. एक वरिष्ठ…

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