Author: admin

अपने प्रिय कवि बोधिसत्त्व की एक नई लंबी कविता आपके लिए- जानकी पुल. ————————————————————————-उसकी हँसीउस पर झुमका चुराने का आरोप थाउसे उसके पति ने दाग कर घर से निकाल दियावह कहाँ गई फिर कुछ पता नहीं चलाबहुत बाद में पता चलाझुमका चुराने का तो बहाना थावह पकड़ी गई थी अपने किसी प्रिय के साथहँसते-बोलते।जब पति ने उसे देखा तो वह हँस-हँस कर दोना हुई जा रही थीउसे होश ही नहीं था किसी और बात का प्रिय उसका टिका नहींदिखा नहीं कहीं उधर फिरवह हँसती रही अगले दिन भी जब सेंक रही थी रोटियाँजब पाथ रही थी उपलेजब कूँट रही थी धानजब कर रही…

Read More

  यह नामवर सिंह के जन्म का महीना है. आज भी हिंदी की सबसे बड़ी पहचान नामवर सिंह ही हैं. उनके शतायु होने की कामना के साथ यह लेख जो \’कहानी नई कहानी\’ पुस्तक के लेखक नामवर सिंह पर प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर ने लिखा था- जानकी पुल. ———————————————————————————– ज़िंदगी में लौटने के रास्ते ज़्यादातर खुले रहते हैं। सिर्फ आगे जाने वाले रास्तों पर \’नो एंट्री’ का बोर्ड लगा रहता है। पर मेरे साथ ऐसा नहीं था। यह एक अजीब-सी बात थी कि मुझे कभी \’नो एंट्री’ वाली तख्ती की सड़क या दरवाज़ा नहीं मिला। मेरी गरीबी, मेरी परेशानियाँ मेरे अपने…

Read More

गुंटर ग्रास की कविता और उसके लेकर उठे विवाद पर प्रसिद्ध पत्रकार-कवि-कथाकार प्रियदर्शन का एक सुविचारित लेख- जानकी पुल.नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक गुंटर ग्रास की एक कविता ‘व्हाट मस्ट बी सेड’ ने इन दिनों जर्मनी से लेकर इज़राइल तक तूफ़ान मचा रखा है। इज़राइल ने तो सीधे-सीधे गुंटर ग्रास पर पाबंदी लगा दी है। जबकि दुनिया भर में बहुत सारे लोग आहत हैं कि गुंटर ग्रास जैसे संवेदनशील लेखक ने इज़राइल और ईरान को एक ही तराजू में रखकर देखने की कोशिश कैसे की। बहुत सारे लोगों को उनका वह अतीत याद आ रहा है जो उनकी ही आत्मस्वीकृति से…

Read More

मुंबई के सुदूर उपनगर में आने वाला नायगांव थोडा-बहुत चर्चा में इसलिए रहता है है कि वहां टीवी धारावाहिकों के सेट लगे हुए हैं। स्टेशन के चारों ओर पेड हैं और झाडियों में झींगुर भरी दुपहरी भी आराम नहीं करते। लेखक निलय उपाध्याय कहते हैं कि ये नमक के ढूहे देख रहे हैं, इन पर रात की चांदनी जब गिरती है तो वह सौंदर्य कवि की कल्पना से परे होता है। सरकारी नौकरी से कभी न किए गए अपराध के लिए जेल तक का सफर एक लेखक के अंदर अभूतपूर्व बदलाव करने के लिए पर्याप्त है। परिवार, महानगर, मनोरंजन जगत…

Read More

कल कुंदनलाल सहगल की पुण्यतिथि थी. इस मौके पर उनको एक नई पहचान देने वाले न्यू थियेटर्स पर एक दिलचस्प लेख लिखा है दिलनवाज़ ने- जानकी पुल.—————————————————बिरेन्द्र नाथ सरकार द्वारा स्थापित ‘ न्यु थियेटर्स’ की कहानी ग्रीक अख्यानो के ‘फ़ीनिक्स पक्षी’ से मेल खाती है| फ़ीनिक्स के बारे मे ‘ राख की ढेर से फ़िर से खडा उठने’ की कथा प्रचलित है| न्यु थियेटर्स का उदभव एवं विकास समकालीन फ़िल्म कम्पनियों की तुलना मे मर कर फ़िर जीने जैसा रहा। एक बार भीषण आग से लगभग खाक हो चुकी कम्पनी का कारवाँ मिश्रित अनुभवों के साथ लम्बे सफ़र पर निकला|…

Read More

हिंदी गज़लों का अपना मिजाज रहा है, उसकी अपनी रंगों-बू है और उसकी अपनी \’रेंज\’ भी है. वह जिंदगी के अधिक करीब है. श्रद्धा जैन की गज़लों को पढते हुए इसे महसूस किया जा सकता है- जानकी पुल.————————–1.जब हमारी बेबसी पर मुस्करायीं हसरतेंहमने ख़ुद अपने ही हाथों से जलाईं हसरतेंये कहीं खुद्दार के क़दमों तले रौंदी गईंऔर कहीं खुद्दरियों को बेच आईं हसरतेंसबकी आँखों में तलब के जुगनू लहराने लगेइस तरह से क्या किसी ने भी बताईं हसरतेंतीरगी, खामोशियाँ, बैचेनियाँ, बेताबियाँमेरी तन्हाई में अक्सर जगमगायीं हसरतें मेरी हसरत क्या है मेरे आंसुओं ने कह दिया आपने तो शोख रंगों से बनाईं हसरतेंसिर्फ…

Read More

स्वदेश दीपक पिछले आठ साल से लापता हैं. अभी कुछ लोगों ने फेसबुक पर उनको ढूंढने की मुहिम चलाई है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए. युवा कवयित्री विपिन चौधरी ने स्वदेश दीपक को याद करते हुए यह संस्मरणात्मक लेख लिखा है. आपके लिए – जानकी पुल ————————————————————————————————– इस दौर- ए- हस्ती में हमारा क्या ठिकाना एक राह पर चलना दूसरी से लौट आना कभी सही दिशा न मिल पाने पर गायब हो जाना एक जीता जागता इन्सान हमारे बीच से अचानक कहीं चला जाता है, बरसो उसकी कोई खोज खबर नहीं मिलती  और  इधर हम अपने रोज़ के कामों मे गले…

Read More