‘खिलाड़ी दोस्त’ के कवि हरे प्रकाश उपाध्याय आजकल कविताओं की नई शैली में लौटे हैं। पढ़िए उनकी कुछ नई कविताएँ-…
मुक्तिबोध के निधन और उनके अंतिम संस्कार पर यह दुर्लभ रपट लिखी है मनोहर श्याम जोशी ने, जो शायद ‘दिनमान’…
इस समाज में स्त्री कहाँ सुरक्षित है? घर, बाहर, शिक्षण संस्थान या कोई भी संस्थान, पुलिस स्टेशन, जिसका काम ही…
आज जानकी पुल की विशेष प्रस्तुति मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा- ============================== यूरी बोत्वींकिन मेरे फ़ेसबुक मित्र काफी समय से रहे हैं, मगर वैयक्तिक परिचय…
आदित्य रहबर की कविताएँ बेहद प्रभावी हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति जिसने अपनी सोचने-समझने की शक्ति को बचाई, बनाई रखी हुई…
मनुष्य के मनोविज्ञान पर कब कौन सी बात किस तरह असर करती रहती है इसे समझना बेहद जटिल है। तमाम…
आज महेश कुमार का यह शोध अलेख पढिए जिसमें उन्होंने मेक्सिको के आदिवासियों के जापटिस्ट आन्दोलन का भारत के समकालीन…
आज पढ़िए युवा लेखक शहादत के कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’ की समीक्षा। लिखा है वैभव शर्मा ने। संग्रह का…
ललन चतुर्वेदी की यह कविताएँ स्त्रियों के संघर्ष के विभिन्न पहलुओं की ओर ध्यान ले जाती हैं। आइए, उनकी यह…
यह सवाल बहुत वाजिब है कि क्या स्त्रीवादी होने का मतलब केवल स्त्री हक़ तक ही सीमित है या इसमें…