आज विद्वान कवि विष्णु खरे को याद करने का दिन है। उनको अपनी ही शैली में गल्पमिश्रित स्मरण लेख में…
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मुक्तिबोध के निधन और उनके अंतिम संस्कार पर यह दुर्लभ रपट लिखी है मनोहर श्याम जोशी ने, जो शायद ‘दिनमान’…
1970 के दशक में मनोहर श्याम जोशी ने कमलेश्वर के संपादन में निकलने वाली पत्रिका ‘सारिका’ में दिल्ली के लेखकों…
वह एक ऐसी सतह पर था जिसके ऊपर उठना ही नहीं चाहता था मित्र लेखक शशिभूषण द्विवेदी के निधन के…
आज हिंदी कहानियों को नया मोड़ देने वाले निर्मल वर्मा की पुण्यतिथि है. प्रस्तुत है उनके मरणोपरांत प्रकाशित पुस्तक ‘प्रिय…
पॉल लाफार्ज और विल्हेम लीबनेख्त द्वारा लिखे गए ‘मार्क्स के संस्मरण’ के हिंदी अनुवाद से वहीं परिचय हुआ. पॉल लाफार्ज…
आज रवीन्द्र जयंती है. उनके जीवन-लेखन से जुड़े अनेक पहलुओं की चर्चा होती है, उनपर शोध होते रहे हैं. एक…
यह नामवर सिंह के जन्म का महीना है. आज भी हिंदी की सबसे बड़ी पहचान नामवर सिंह ही हैं.…
स्वदेश दीपक पिछले आठ साल से लापता हैं. अभी कुछ लोगों ने फेसबुक पर उनको ढूंढने की मुहिम चलाई है जिसका…
आज हिंदी के मूर्धन्य लेखक मनोहर श्याम जोशी जीवित होते तो ७८ साल के हुए होते. आज उनके जन्मदिन पर…