

“हमने वर्ष 2023 के जानकी पुल शशि भूषण द्विवेदी सम्मान के लिए एकमत से दिव्या विजय के कथा संकलन ‘सगबग मन’ को चुना है।
इस सम्मान के लिए दिव्या विजय को बधाई।
समकालीन कथा लेखन के मौजूदा परिदृश्य में दिव्या विजय अपने लेखकीय अवदान से एक अलग तरह का हस्तक्षेप करती हैं। उनके संग्रह ‘सगबग मन’ की कहानियां अपने कहन की गहनता और भिन्नता से हमें चकित करती हैं। इन कहानियों का कैनवस बहुत बड़ा है- बिल्कुल स्थानीय अनुभव से लेकर अंतरराष्ट्रीय आकाश तक। दिव्या विजय के पास एक समर्थ संवेदनशील भाषा है जिसमें वे अंतरंग की गुत्थियां भी रचती हैं और बहिरंग की उलझनें भी। वे अकुंठ भाव से अपने अपने किरदारों के संसार में प्रवेश करती हैं और उनके हिस्से के प्रेम, संकोच, दुविधा सबको बहुत सूक्ष्मता से अभिव्यक्त करती हैं। उनकी कहानियां उस आधुनिक स्त्री की कहानियां हैं जिसने अपना संसार खुद बनाया-बसाया है और जो पूरे आत्मविश्वास से इस संसार में आवाजाही करती है। उनमें शिल्प और कथ्य में तोड़फोड़ कर सकने वाला लेखकीय साहस भी है जिसके प्रमाण संग्रह की कुछ कहानियों में दिखने वाले अतियथार्थवादी वृत्तांत में मिलते हैं। उनकी कहानियां समकालीन हिंदी कथा लेखन के सामर्थ्य का भी प्रमाण हैं।
प्रथम जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान के लिए दिव्या विजय का चुनाव करते हुए चयन समिति आश्वस्त भी है और उल्लसित भी।”
मनीषा कुलश्रेष्ठ / प्रियदर्शन